Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

एचआईवी पीड़ितों के लिए बीमा की वकालत

Published

on

नई दिल्ली,राज्यसभा,एचआईवी,स्वास्थ्य,एक्वायर्ड इम्यून डिफिशियंसी सिंड्रोम,स्वास्थ्य मंत्रालय

Loading

नई दिल्ली | राज्यसभा की स्थाई समिति ने एचआईवी पीड़ितों के खिलाफ भेदभाव बंद करने से संबंधित एक विधेयक पर अपनी रपट में कहा कि एचआईवी संक्रमित लोगों को स्वास्थ्य और जीवन बीमा सुविधाएं प्रदान करने में कोई भेदभाव नहीं बरता जाना चाहिए। उन्हें बीमा सुविधाएं सामान्य दर पर ही मुहैया कराई जाएं। ह्यूमन इम्युनोडिफिशियंसी वायरस और एक्वायर्ड इम्यून डिफिशियंसी सिंड्रोम (बचाव और नियंत्रण) विधेयक 2014 पर राज्यसभा की स्थाई समिति ने केंद्र सरकार से लोकपाल की नियुक्ति के लिए दिशानिर्देश बनाने को कहा। विधेयक के मुताबिक लोकपाल की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में लगभग 23.9 लाख लोग एचआईवी/एड्स से संक्रमित हैं। इस तरह दक्षिण अफ्रीका और नाइजीरिया के बाद भारत का तीसरा स्थान है। इस विधेयक में एचआईवी/एड्स को फैलने से रोकने और इसके बचाव, एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों के साथ भेदभाव, उनके इलाज के लिए आपसी सहमति और गोपनीयता, उनके अधिकारों की सुरक्षा करना और उनकी शिकायतों के निपटारे के लिए तंत्र की स्थापना करना शामिल हैं। समिति ने अपनी रपट में कहा है कि एचआईवी संक्रमित लोगों को बीमा सुरक्षा दिए जाने के दौरान उनके साथ किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जाए।

समिति ने स्वास्थ्य मंत्रालय को सुझाव दिया है कि इस मुद्दे को बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) के साथ आगे बढ़ाया जाना चाहिए, ताकि किसी भी तरह के भेदभाव के साथ सभी एचआईवी संक्रमित लोगों को बीमा सुविधा दी जा सके। स्वास्थ्य मंत्रालय ने हालांकि, समिति को बताया कि इरडा इस तरह के लोगों को सामान्य दरों पर बीमा सुरक्षा देने के पक्ष में नहीं है।

नेशनल

कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

Published

on

Loading

नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

Continue Reading

Trending