नेशनल
24 की चौसर – मर्दों पर भारी आधी आबादी
सच्चिदा नन्द द्विवेदी एडिटर-इन-चीफ
मुझे याद है 2020 की वो शाम जब बिहार विधान सभा का चुनाव परिणाम आ चुका था और भाजपा कार्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने चाणक्य अमित शाह और कार्यकर्ताओं के साथ जीत का जश्न मनाने के लिए मंच पर पहुंचे तो वहाँ से उन्होंने अपने सीक्रेट वोटर का खुलासा करते हुए आधी आबादी यानि महिला मतदाता को प्रणाम किया… और यहीं से एक और वोट बैंक की नींव पड़ी वो था लाभार्थी वोट बैंक, यानि महिला मतदाता जिसनें जात पात धर्म संप्रदाय सभी बंधन से इतर होकर मोदी को वोट किया, इसके पहले 2019 के आम चुनाव में भी इसी लाभार्थी मतदाता ने असर दिखाते हुए 2014 की 282 सीट के मुकाबले मोदी को एक बार फिर सत्ता की चाबी सौंपते हुए 303 सीट जिता दी थीं।
2019 के नतीजों से शायद विपक्षी दलों ने उतना सबक नहीं लिया लेकिन भाजपा ने जीत के इस मंत्र को गांठ बांध लिया, 2024 के महासमर से पहले मोदी ने मास्टरस्ट्रोक मारते हुए ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ यानि दशकों से ‘अटके लटके और भटके’ महिला आरक्षण बिल को संसद से पास करा लिया और आधी आबादी के मुद्दे पर विपक्ष के सामने इतने लंबी लकीर खींच दी जिसे पार करना विपक्ष के लिए टेढ़ी खीर हो गई, दरअसल 2024 में महिला आरक्षण बिल को लाने और उसे 2029 से प्रभावी करने के पीछे भी मोदी सरकार की गहरी सोच काम कर रही है क्यूंकी एक आँकड़े के मुताबिक 2029 तक महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं से ज्यादा हो जाएगी, ऐसे में अगर अभी से इस वोट बैंक को साध लिया गया तो भाजपा के लिए आगे की राह आसान हो जाएगी।इसीलिए अब लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा के साथ ही एक बार फिर देश की आधी आबादी राजनीति के केंद्र में आ गई है।
सत्ता पक्ष हो या विपक्ष एक बार फिर इस मतदाता के वोट के लिए आमने-सामने है। ऐसे में साफ है कि महिला मतदाताओं को लेकर चुनावी जंग शुरू हो गई है। ऐसा इसलिए भी है कि पिछले पांच साल में 23 राज्यों में विधानसभा चुनाव हुआ, इनमें से 18 राज्यों में महिला मतदाताओं का प्रतिशत पुरुषों की तुलना में अधिक रहा। सबसे बड़ा बदलाव यह आया है कि अब महिलाएं अपने वोट की मालिक खुद हैं, वो वोट डालने और पार्टी चुनने का निर्णय स्वयं करती हैं और सीधे सत्ता को प्रभावित करती हैं। ऐसे में हर नेता आधी आबादी के वोट के लिए रणनीति बनाने में लगा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित सभी बड़े नेता अपने हर चुनावी भाषण में महिलाओं का जिक्र कर रहे हैं। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में लाडली बहना योजना और महतारी वंदन योजना ने चुनाव के पूरे समीकरण बदल दिए। कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में महिलाओं को नकद सहायता के कांग्रेस के वादे ने चुनाव में नैया पार लगा दी लेकिन राजस्थान में महिलाओं को सुरक्षा न दे पाने के मुद्दे पर कांग्रेस को खासा नुकसान हुआ। अब लोकसभा चुनाव में भाजपा ने महिला सुरक्षा को चुनावी मुद्दा बनाया है।
भाजपा के विधायिका में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण, नमो ड्रोन दीदी योजना का जवाब कांग्रेस नारी न्याय गांरटी से दे रही है। ऐसे में साफ है कि आधी आबादी का वोट बैंक लोकसभा चुनाव में बड़ा असर डालने जा रहा है। अगर एक आँकड़े पर नजर डालें तो कुल मतदाता 96.8 करोड़ जिसमें महिला मतदाता 47.1 करोड़ (नए 4 करोड़) पुरुष मतदाता 49.7 करोड़ (नए 3.2 करोड़) लोकसभा चुनाव 2019 की तुलना में 2024 के चुनाव में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों के मुकाबले तेजी से बढ़ी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 2029 तक यह पुरुषों से अधिक हो जाएगी। अंत में शकील जमाली साहब के एक शेर याद आता है जिसने सभी दलों को उनके घुटने पर ला दिया।
अभी रौशन हुआ जाता है रस्ता
वो देखो एक औरत आ रही है
नेशनल
पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में बोले अमित शाह, पीओके भारत का है और हम इसे लेकर रहेंगे
श्रीरामपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली के श्रीरामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और ममता बनर्जी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ये पीओके भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।
अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी, कांग्रेस-सिंडिकेट कहती है कि धारा 370 को मत हटाओ। मैंने संसद में पूछा कि क्यों न हटाएं तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून कि नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। जब INDI गठबंधन का शासन था तो हमारे कश्मीर में हड़तालें होती थीं। आज पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हड़ताल होती है। पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब पाक अधिकृत कश्मीर में नारेबाजी होती है। राहुल गांधी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ममता बनर्जी आपको डरना है तो डरते रहिए लेकिन मैं आज श्रीरामपुर की धरती से कहता हूं कि ये पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।
अमित शाह ने कहा आने वाले चुनाव में आप सभी वोट डालने वाले हैं। इस चुनाव में एक ओर परिवारवादी पार्टियां हैं जिसमें ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पवार अपनी बेटी को, उद्धव ठाकरे अपने बेटे को, स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी, राहुल बाबा को पीएम बनाना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब चाय वाले के घर में जन्में इस देश के महान नेता नरेन्द्र मोदी जी हैं।
नरेन्द्र मोदी जी ने बंगाल के विकास के लिए ढेर सारे कार्य किए हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक आपके लोग सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार ने बंगाल के विकास के लिए क्या किया। उनकी सरकार ने 10 साल में बंगाल के विकास के लिए मात्र 2 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि मोदी जी ने 10 साल में 9 लाख, 25 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया।
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