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चुनाव आयोग ने 19 अप्रैल से 1 जून तक एग्जिट पोल पर रोक लगाई

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नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने 19 अप्रैल को सुबह 7 बजे से लेकर 1 जून की शाम 6.30 बजे तक के लिए एक्जिट पोल पर रोक लगा दी है। इस दौरान देशभर में सभी लोकसभा क्षेत्रों में एक्जिट पोल का प्रकाशन और प्रसारण प्रतिबंधित रहेगा। इसी अवधि में लोकसभा के अलावा चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए अलग-अलग चरण में मतदान होगा।

गुरुवार (28 मार्च) को जारी अधिसूचना में यह भी स्पष्ट किया गया कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत, मतदान के समापन के लिए तय समय के साथ समाप्त होने वाली 48 घंटों की अवधि के दौरान किसी भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में किसी भी जनमत सर्वेक्षण या किसी अन्य चुनावी सर्वेक्षण के परिणामों सहित किसी भी ऐसी चुनावी सामग्री को प्रदर्शित करना प्रतिबंधित होगा।

लोकसभा चुनावों के अलावा आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम की विधानसभाओं के चुनाव भी होंगे। इसी अवधि में 12 राज्यों की 25 विधानसभा सीटों पर अलग से उपचुनाव भी होंगे।

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नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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