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लालकृष्ण आडवाणी समेत पांच विभूतियों को मिला भारत रत्न, राष्ट्रपति ने किया सम्मानित
नई दिल्ली। अपने-अपने क्षेत्र में अहम योगदान के लिए देश की पांच जानी-मानी हस्तियों को देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत अन्य नेता भी शामिल हुए। राष्ट्रपति मुर्मू ने स्वतंत्रता सेनानी व पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पूर्व पीएम नरसिंह राव, पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर और कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया है।
जिन शख्सियतों को शनिवार को भारत रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। उन 5 शख्सियतों में से दो पूर्व प्रधानमंत्री हैं। जबकि इनमें चार शख्सियतों को मरणोपरांत इस सम्मान से नवाजा गया है।
भारत रत्न अवॉर्ड लेने के लिए बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी नहीं पहुंचे। वहीं कर्पूरी चंद ठाकुर का अवॉर्ड उनके बेटे रामनाथ ठाकुर ने लिया। वहीं वैज्ञानिक स्वामीनाथन का अवॉर्ड उनकी बेटी नित्या राओ ने ग्रहण किया। जबकि चौधरी चरण सिंह का सम्मान उनके पोते जयंत सिंह ने लिया। इसी तरह पूर्व पीएम नरसिम्हा राव का अवॉर्ड उनके बेटे प्रभाकर राव ने लिया।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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