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पत्नी सुनीता ने पढ़कर सुनाया केजरीवाल का मैसेज, ‘ऐसी कोई जेल नहीं जो मुझे सलाखों के पीछे रख सके’

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नई दिल्ली। दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद पत्नी सुनीता केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। इस दौरान सुनीता ने पति केजरीवाल का वह संदेश जनता के सामने पढ़ा, जो उन्होंने जेल से भेजा है। सुनीता ने कहा कि करोड़ों लोगों की दुआएं केजरीवाल के साथ हैं। दिल्ली के लोग मंदिर जाकर केजरीवाल के लिए दुआ मांगें। केजरीवाल ने अपना हर वादा निभाया है। केजरीवाल बहुत मजबूत हैं और लोहे के बने हैं।

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘मैं आम आदमी पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं से भी अपील करता हूं कि मेरे जेल जाने से समाज कल्याण और जन कल्याण का काम नहीं रुकना चाहिए। बीजेपी वालों से नफरत मत करो। वे हमारे भाई-बहन हैं। मैं जल्द ही वापस आउंगा।’

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘भारत के अंदर और बाहर कई ताकतें हैं जो देश को कमजोर कर रही हैं। हमें सतर्क रहना होगा, इन ताकतों को पहचानना होगा और उन्हें हराना होगा। दिल्ली में महिलाएं सोच रही होंगी कि केजरीवाल सलाखों के पीछे हैं। कौन जानता है कि उन्हें 1000 रुपये मिलेंगे या नहीं। मैं उनसे अपील करता हूं कि वे अपने भाई, अपने बेटे पर भरोसा करें। ऐसी कोई जेल नहीं है जो उसे लंबे समय तक सलाखों के पीछे रख सके। मैं जल्द ही बाहर आऊंगा और अपना वादा निभाऊंगा।’

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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