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उत्तर प्रदेश

महिला दिवस : प्रदेश की ‘आधी आबादी’ के जीवन का उजाला बनी ‘प्रधानमंत्री उज्जवला योजना’

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की ‘डबल इंजन’ की सरकार महिलाओं के उत्थान के लिए विगत सात वर्षों से लगातार कार्य कर रही है। इस दिशा में, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना प्रदेश की आधी आबादी के जीवन का उजाला बनने का बेहद सशक्त माध्यम साबित हुई है। गरीबों के घरों में भी एलपीजी जैसे सुरक्षित ईंधन से खाना पके, इसके लिए वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बलिया से उज्ज्वला योजना की शुरुआत की थी। इसके अंतर्गत, उत्तर प्रदेश में अब तक 1.75 करोड़ पात्र परिवारों को निःशुल्क गैस कनेक्शन दिया गया है। इस योजना ने प्रदेश की करोड़ों माताओं-बहनों को धुएं से मुक्ति दिलाकर उनका जीवन बदल दिया है।

योगी के कमान संभालते ही आई प्रक्रिया में तेजी

वर्ष 2017 के पहले उत्तर प्रदेश में जहां इस योजना की गति बहुत धीमी थी। वहीं, प्रदेश की कमान जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथ में आई तो इस योजना के क्रियान्वयन में तेजी आई। इसी का नतीजा रहा कि उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना में देश में प्रथम स्थान पर है। यही नहीं, होली और दीपावली पर योगी सरकार प्रदेश की महिलाओं को एक-एक सिलेंडर निःशुल्क दे रही है। योजना के तहत आधार वेरीफाइड लाभार्थियों को निःशुल्क एलपीजी सिलेण्डर रिफिल कर वितरित किया जा रहा है।

‘धुआं मुक्त रसोई’ का सपना हुआ पूरा

प्रधानमंत्री उज्जवला योजना से लाभान्वित हुई बस्ती जनपद के कप्तानगंज विकासखंड के ग्राम पंचायत बढ़नी मिश्र की रहने वाली निर्मला देवी कहती हैं कि पहले वह लकड़ी से खाना बनाती थी, धुंए के कारण उनके आखों में जलन एवं स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता था। योजना के तहत गैस सिलेण्डर मिल जाने से समय की बचत के साथ ही उनका धुआं मुक्त रसोई का सपना भी पूरा हो गया है। अब उनकी आंखों में जलन नहीं होती और भोजन भी अपेक्षाकृत जल्दी बन जाता है।

लकड़ी जलाकर खाना पकाने से मिली मुक्ति

आगरा के लोहामंडी की रहने वाली राधा कुमारी कहती हैं कि उन्हें प्रधानमंत्री द्वारा शुरु की गई उज्ज्वला योजना से गैस का सिलेण्डर, चूल्हा, पाइप व रेगुलेटर निःशुल्क प्राप्त हुआ है। उन्होंने ने भी बताया कि पहले उन्हें चूल्हे पर लकड़ी जलाकर खाना पकाना पड़ता था, जिससे बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता था। आंखों में धुआं लगता था, मगर अब गैस से आसानी से खाना बन जाता है। इसके लिए, वह प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद देती हैं।

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उत्तर प्रदेश

मोहिनी दुबे हत्याकांड: IAS के ड्राइवर ने भाई और साथी के साथ मिलकर दिया था वारदात को अंजाम, मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के इंदिरा नगर इलाके में रिटायर्ड आईएएस देवेंद्र नाथ दुबे की पत्नी की हत्या के आरोपी तीनों बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसी के साथ पुलिस ने उनके पास से लूटा गया जेवर और नगदी भी बरामद कर ली है। इस पूरी वारदात को देवेंद्र नाथ के ड्राइवर अखिलेश, उसके भाई रवि और एक साथी रंजीत ने अंजाम दिया था।

मंगलवार को पुलिस मोहिनी दुबे हत्याकांड के आरोपियों को पकड़ने गई थी। तभी आरोपियों ने पुलिस के ऊपर फायरिंग कर दी।
जवाबी फायरिंग में एक बदमाश के पैर में गोली लगी है। लखनऊ की इंदिरा नगर क्राइम ब्रांच और पुलिस टीम मुठभेड़ में शामिल हुई थी। तीनों आरोपियों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। मुठभेड़ के दौरान बड़ी संख्या में पुलिसबल और सादी वर्दी में पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद रहे। वारदात को रवि व रंजीत ने अंजाम दिया था जबकि अखिलेश देवेंद्रनाथ दुबे को लेकर वापस लौटा था। पुलिस टीम अब से कुछ ही देर में प्रेस कांफ्रेंस कर मामले का खुलासा करेगी। हत्यारे वारदात के बाद दोनों नीले रंग की स्कूटी से भागते हुए सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गए थे।

बता दें कि इंदिरानगर सेक्टर 20 में शनिवार सुबह सेवानिवृत आईएएस देवेंद्र दुबे के घर में घुसकर बदमाशों ने उनकी पत्नी मोहिनी की हत्या कर दी थी। इसके बाद अलमारी में रखे जेवरात और नकदी लूट ले गए थे। मामले में पुलिस को पहले भी ड्राइवरों पर ही शक था। कई पुख्ता सुबूत इस ओर इशारा कर रहे थे। दोनों चालकों रवि और अखिलेश से सोमवार को पुलिस ने लंबी पूछताछ की थी। दोनों के अलावा और भी कई लोगों से पुलिस ने पूछताछ की थी। सीसीटीवी फुटेज से पता चला था कि बदमाश नीले रंग की स्कूटी से आए थे और उसी से भागे थे। हत्यारों ने अपने परिचित की स्कूटी का इस्तेमाल किया। नंबर प्लेट निकाल दी थी। स्कूटी पुलिस ने बरामद कर ली थी। वहीं, सीसीटीवी से हत्यारों की पहचान भी हो गई थी।

 

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