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उत्तर प्रदेश

9 हजार से अधिक कुशल श्रमिक जाएंगे इजरायल, द्वितीय चरण में 4121 का हुआ चयन

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लखनऊ। योगी सरकार प्रदेश के कुशल कामगारों व श्रमिकों को विदेशों में भी रोजगार के अवसर उपलब्ध करा रही है। इजरायल में नवनिर्माण कार्य के लिए प्रदेश के श्रमिकों को चयनित कर भेजा जा रहा है। प्रथम चरण में 5087 तथा दूसरे चरण में 4121 श्रमिकों को इजरायल में सेवायोजित किए जाने हेतु चयनित किया गया है। इस तरह कुल 9208 कुशल श्रमिक इजराइल में 01 लाख 37 हजार प्रतिमाह वेतन पर सेवायोजित किए जाएंगे।

इजरायल की टीम ने लिया स्किल टेस्ट

प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और  उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा हर हाथ को काम दिलाने के तहत भारत सरकार एवं इजरायल सरकार के बीच एमओयू किया गया है जिसके अंतर्गत व्यवसाय मेसन प्लास्टरिंग वर्क, मेसन सेरेमिक टाइलिंग, मेसन बिल्डिंग फ्रेमवर्क तथा मेसन आयरन वेन्डिंग के क्षेत्र में इजराइल में भारतीय श्रमिको को सेवायोजित करने का अवसर प्रदान किया जा रहा है। 28 फरवरी, 2024 से 07 मार्च, 2024 तक राजकीय आईटीआई अलीगंज, लखनऊ में कुशल श्रमिकों के द्वितीय चरण का स्किल टेस्ट इजरायल की टीम के द्वारा लिया गया, जिसमें 4121 कुशल श्रमिकों को चयनित किया गया है। इस प्रकार कुल 9208 कुशल श्रमिकों को इजराइल की टीम के द्वारा चयनित किया गया है।

इजरायल की टीम ने की प्रशंसा

कुशल श्रमिको के स्किल टेस्ट का निरीक्षण विशेष सचिव श्रम एवं निदेशक, प्रशिक्षण एवं सेवायोजन कुणाल सिल्कू के द्वारा समय-समय पर किया गया तथा उनके द्वारा प्रधानाचार्य, राज कुमार यादव एवं उनकी टीम की प्रशंसा की गई है। निदेशक के मार्गदर्शन में एनएसडीसी के सहयोग से इजराइल की टेस्टिंग टीम के द्वारा कुशल श्रमिकों के द्वारा स्किल टेस्टिंग का कार्य किया गया। संयुक्त निदेशक, लखनऊ मण्डल अनिल वर्मा ने भी समय-समय पर निरीक्षण किया। इजरायल सरकार की टीम, एनएसडीसी की टीम एवं पीबा की टीम ने आश्वस्त किया कि यदि भविष्य में और कुशल श्रमिकों की आवश्यकता होगी तो आईटीआई अलीगंज, लखनऊ को ही परीक्षा केंद्र बनाएंगे। प्रधानाचार्य राज कुमार यादव ने इजरायल टीम के अधिकारियों, एनएसडीसी टीम के अधिकारियों एवं पीबा टीम के अधिकारियों का सहयोग के लिए धन्यवाद दिया तथा श्रम विभाग के अधिकारियों, संस्थान के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के सहयोग के लिए सभी का धन्यवाद दिया।

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उत्तर प्रदेश

यूपी में अबतक 6 हजार से अधिक युवाओं के उद्यम स्वीकृत

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लखनऊ। प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए शुरू की गई सीएम योगी आदित्यनाथ की फ्लैगशिप स्कीम ‘मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना’ (एमवाईएसवाई) और ‘मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना’ (एमएमजीआरवाई) ने शानदार प्रदर्शन किया है। प्रदेश में अब तक 6 हजार से अधिक युवाओं के छोटे बड़े उद्यमों को मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के अंतर्गत स्वीकृत किया जा चुका है। वहीं मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के अंतर्गत स्वीकृत हुए 723 इकाइयों में से 605 को धनराशि प्रदान की जा चुकी है। हाल ही में प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के सामने प्रस्तुत की गई राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की त्रैमासिक रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी गई है।

7500 यूनिट्स को धनराशि प्रदान करने का लक्ष्य

उत्तर प्रदेश राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के संयोजक और बैंक ऑफ बड़ौदा के महाप्रबंधक समीर रंजन पांडा के अनुसार योजना का उद्देश्य प्रदेश के युवाओ को उद्यम शीलता के लिए प्रोत्साहित करने और अन्य युवाओं के लिए रोजगार का अवसर प्रदान करना है। इसके अंतर्गत राज्य सरकार युवाओ को वित्तीय सहायता उपलब्ध करा रही है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सके और अपने व्यवसाय का सफलतापूर्वक संचालन कर सकें। रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के अंतर्गत 7500 यूनिट्स को धनराशि प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसके सापेक्ष अबतक 6259 इकाइयों को सरकार की ओर से स्वीकृति मिल चुकी है। वहीं अबतक 5648 इकाइयों को धनराशि वितरित की जा चुकी है। इसमें शुरुआत में कुल मार्जिन मनी 14550 लाख रुपए तय की गई थी, जिससे अधिक अबतक 16360 लाख रुपए को स्वीकृति मिल चुकी है, जबकि 14821 लाख रुपए युवाओं को वितरित भी किये जा चुके हैं। बात करें मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना की तो इसमें भी 800 इकाइयों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से 90 प्रतिशत से अधिक यानी 723 इकाइयों को स्वीकृति मिल चुकी है और लक्ष्य का 76 प्रतिशन यानी 605 यूनिट्स को लाभान्वित किया जा चुका है।

युवाओं के उद्यम के सपने को साकार कर रही योजना

बता दें कि उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा प्रारंभ की गई एक फ्लैगशिप योजना है। इस योजना को सितंबर 2018 में शुरू किया गया था। योजना का उद्देश्य प्रदेश के बेरोजगार युवाओ को उनके उद्यम के सपने को साकार करने के लिए वित्तीय सहायता और अन्य सहयोग प्रदान करना है। इसके अंतर्गत राज्य सरकार पात्र आवेदकों को इंडस्ट्री लगाने के लिए रु. 25लाख तक और सेवा क्षेत्र के लिए रु. 10 लाख तक का ऋण उपलब्ध कराती है। इस योजना की नोडल एजेंसी डीआईसी, कानपुर है।

पात्रता के लिए 18 साल से ऊपर होनी चाहिए उम्र

मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के अंतर्गत पात्र लाभार्थी को उत्तर प्रदेश का निवासी होना चाहिए, जिसकी उम्र 18 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए। न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता न्यूतम हाई स्कूल होना चाहिए और वह किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक का डिफॉल्टर नहीं होना चाहिए। सभी स्रोतों से उसकी (ओबीसी, अल्पसंख्यक और सामान्य वर्ग) वार्षिक आय 2 लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए वहीं एससी-एसटी श्रेणी के लिए ये लिमिट ढाई लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए।

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