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अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान चुनाव: PTI समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी 97 सीटों पर आगे, PMLN 72 और PPP को 53 सीट

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान में मतगणना शुरू होने के बाद 10 घंटे से ज्यादा समय बाद भी अभी तक ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। वोटों की गिनती अभी भी जारी है। इमरान खान की पीटीआई ने दावा किया है कि उनकी पार्टी केंद्र के साथ खैबर पख्तूनख्वा और पंजाब में सरकार बना रही है। इसी बीच इमरान खान ने AI वीडियो जारी करके जीत का दावा किया है, साथ कई तरह के आरोप लगाए हैं।

पाकिस्तान चुनाव के आंकड़ों की बात करें तो जियो न्यूज के मुताबिक अभी तक नेशनल असेंबली चुनाव में पीटीआई को सबसे अधिक 97 सीट, पीएमएल-एन को 72 सीट और पीपीपी को 53 सीट मिलती दिख रही है। बाकी 42 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार या अन्य छोटी पार्टियां आगे चल रही हैं।

पाकिस्तान के विधानसभा चुनाव में इमरान खान की पार्टी पीटीआई को पंजाब में 116, सिंध में 12, बलूचिस्तान में 0 और खैबर पख्तूनख्वा में 79 सीट मिलती दिख रही है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी को पंजाब में 10, सिंध में 82, बलूचिस्तान में 09 और केपी में 04 सीट मिलती दिख रही है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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