उत्तर प्रदेश
राम मंदिर के विरोध पर सोशल मीडिया में सपा के खिलाफ फूटा गुस्सा, टॉप ट्रेंड हुआ #रामद्रोही_सपा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में सोमवार को प्रभु श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा और नवनिर्मित राम मंदिर पर बधाई प्रस्ताव का विरोध करने वाले विपक्षी दल सपा और उसके विधायकों के खिलाफ मंगलवार को सदन से लेकर सोशल मीडिया तक उबाल देखने को मिला। सदन में जहां सरकार की ओर से सपा के राम विरोधी चेहरे को उजागर किया गया तो वहीं सोशल मीडिया पर भी लोगों ने सपा के विधायकों के इस कृत्य की खूब भर्त्सना की।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर यूजर्स ने सपा के विधायकों को रामद्रोही करार दिया और देखते ही देखते #रामद्रोही_सपा ट्रेंड करने लगा। देर शाम तक यह हैशटैग एक्स के टॉप ट्रेंड्स में शुमार रहा और लोगों ने भगवान का विरोध करने वाले सपा विधायकों को जमकर खरी खोटी सुनाई।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, सोमवार को संसदीय कार्य मंत्री द्वारा श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई का प्रस्ताव सदन में प्रस्तुत किया। इस प्रस्ताव पर विधानसभा अध्यक्ष द्वारा सभी सदस्यों से इसके पक्ष और विपक्ष में हाथ उठाने को कहा। प्रश्न प्रस्तुत करने पर अधिकांश सदस्यों ने अपने हाथ उठाए, इसमें विपक्ष की ओर से बसपा के उमाशंकर सिंह ने प्रस्ताव का समर्थन किया। विपक्षी दलों, जिसमें समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल एवं कांग्रेस के सदस्य हैं, के किसी सदस्य ने समर्थन में हाथ नहीं उठाया।
इसके बाद अध्यक्ष द्वारा यह प्रश्न प्रस्तुत किया कि जो सदस्य इसके पक्ष में नहीं है, वे ‘न’ कहें, जिस पर विपक्ष के 14 सदस्यों ने अपने हाथ उठाए। अंत में अध्यक्ष द्वारा यह रूलिंग दी गई कि 14 सदस्यों को छोड़कर प्रस्ताव सदन के अन्य समस्त सदस्यों द्वारा पारित किया गया। सपा की इस हरकत से यह स्पष्ट हो गया कि समाजवादी पार्टी के वह सदस्य, जिन्होंने मंदिर के निर्माण के विपरीत हाथ नहीं उठाया, वह उसके समर्थन में हैं।
इसके साथ ही ऐसे सदस्य, जिन्होंने मंदिर के निर्माण के प्रस्ताव के विपरीत अपना हाथ उठाया, वह उसके विरुद्ध हैं। इससे यह भी स्पष्ट हो गया कि राजनीतिक रूप से जिन सदस्यों ने इस संबंध में ‘न’ के पक्ष में अपना हाथ उठाया, वह मंदिर निर्माण के खिलाफ हैं। इसीलिए मंगलवार को सपा के उन सदस्यों के खिलाफ सोशल मीडिया पर यूजर्स का गुस्सा फूट पड़ा।
सोशल मीडिया यूजर्स ने सपा विधायकों को बताया निर्लज्ज
सदन में उत्तर प्रदेश सरकार के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने राम और राम मंदिर के विरोध पर सपा को खरी खोटी सुनाई। वहीं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सामान्य यूजर्स ने भी सपा विधायकों को आड़े हाथ लिया।
#रामद्रोही_सपा हैशटैग पर देखते ही देखते हजारों पोस्ट किए जाने लगे। देर शाम तक यह हैशटैग ट्रेंडिंग में आ गया और घंटों टॉप ट्रेंड्स में बना रहा। इसका उपयोग करते हुए यूजर्स ने सपा के विधायकों को निर्लज्ज बताते हुए चुनावों में उन्हें सबक सिखाने की अपील की।
रेखा चौबे नाम की एक यूजर ने लिखा कि समाजवादियों का असली चेहरा सामने आ गया। इनके विधायकों का दुस्साहस देखिए…सदन में राम मंदिर का खुलेआम विरोध करते हैं। जनता जब ऐसे नकली समाजवादियों को सबक सिखाएगी तब इनके मुखिया कहेंगे कि ईवीएम हैक हो गया।
कल्पना श्रीवास्तव ने लिखा कि ध्यान से देखिए और सपा के इन विधायकों के नाम याद कर लीजिए जिन्होंने यूपी विधानसभा में राम मंदिर पर बधाई प्रस्ताव का विरोध किया। रामभक्त जनता अब इन दलों का बैंड बजाएगी।
मयंक उपाध्याय ने लिखा, जो राम का नहीं वो किसी काम का नहीं तो प्रो. सरिता ने लिखा कि सपा के बेशर्म विधायकों को राम मंदिर से इतनी घृणा है कि विरोध करने के लिए निर्लज्जता की सारी सीमा पार कर दी।
सपा के इन 14 विधायकों ने किया राम मंदिर का विरोध
अयोध्या धाम में श्री रामलला के मंदिर बनाए जाने पर बधाई प्रस्ताव पर सपा के 14 विधायकों ने विरोध किया। इन 14 विधायकों में मनोज कुमार पारस, लालजी वर्मा, स्वामी ओमवेश, जै किशन साहू, संदीप सिंह, मो० ताहिर खां, डा० संग्राम यादव, महबूब अली, कविन्द्र चौधरी, महेन्द्र यादव, विजमा यादव,रफीक अंसारी, त्रिभुवन दत्त और आजमगढ़ के अखिलेश का नाम शामिल है।
उत्तर प्रदेश
दो दिवसीय दौरे पर अयोध्या पहुंचे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, परिवार संग किए रामलला के दर्शन
नई दिल्ली। दो दिवसीय दौरे पर अयोध्या पहुंचे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को अपने परिवार के साथ रामलला के दर्शन किए। इस दौरान पूर्व राष्ट्रपति मंदिर परिसर में करीब डेढ़ घंटे तक रहे। उन्होंने राम मंदिर निर्माण सहित पूरे परिसर को देखा। इस दो दिवसीय यात्रा में करीब 80 लोगों को समूह उनके साथ है।
उनकी अगवानी के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय पहले से मंदिर परिसर में थे। पूर्व राष्ट्रपति रामलला के दर्शन-पूजन के बाद कुबेर टीला भी गये और पक्षिराज जटायु की विशाल प्रतिमा के समक्ष श्रद्धापूर्वक नतमस्तक हुए। पूर्व राष्ट्रपति कोविंद शुक्रवार दोपहर बाद ही परिवारजनों के साथ रामनगरी पहुंच गए थे। पहले से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार वह वंदे भारत ट्रेन से परिवार समेत अयोध्या पहुंचे। अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन से सभी जैन मंदिर पहुंचे। इसके बाद पूरे परिवार के साथ पूर्व राष्ट्रपति मां सरयू के तट पर दर्शन-पूजन के लिए पहुंचे। उन्होंने सरयू की आरती उतारी। फिर हनुमान जी के दरबार पहुंचकर दर्शन किये।
पत्रकारों से बातचीत में पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि सरयू आरती में भाग लेना अपने आप में एक दिव्य अनुभूति है। ऐसा लगता है कि हम 500 वर्ष पूर्व के कालखंड में पहुंच गये हैं। सरयू की कृपा और बहुत सारे कारणों से राम मंदिर का निर्माण संभव हो सका है। जैन मंदिर के व्यवस्थापक विजय कुमार जैन ने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति की यह पूर्ण रूप से धार्मिक यात्रा है।
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