अन्तर्राष्ट्रीय
मालदीव: मुइज्जू सरकार के खिलाफ दो विपक्षी दलों ने खोला मोर्चा, भारत विरोधी रुख पर जताई चिंता
माले। मालदीव के दो मुख्य विपक्षी दलों ने बुधवार को मोहम्मद मुइज्जू सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। दोनों दलों ने सरकार के भारत विरोधी रुख पर चिंता जताई। इन दलों ने नई दिल्ली को माले का सबसे पुराना सहयोगी बताया।
विपक्षी दलों मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) और डेमोक्रेट्स ने भारत का खुला समर्थन तब किया, जब एक दिन पहले मालदीव सरकार ने कहा कि चीन का एक पोत अनुसंधान और सर्वेक्षण के लिए मालदीव के बंदरगाह पर खड़ा रह सकेगा।
मालदीव सरकार की ओर से चीनी पोत को अनुमति ऐसे समय में दी गई है, जब नई दिल्ली और माले के संबंध तनावपूर्ण हैं। मालदीव के राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद मोहम्मद मुइज्जू ने इस महीने की शुरुआत में बीजिंग का दौरा किया था। आमतौर पर, मालदीव के नए राष्ट्रपति निर्वाचित होने के बाद पहले भारत का दौरा किया करते थे।
दोनों विपक्षी दलों ने मालदीव की मौजूदा विदेश नीति को लेकर कहा, ऐसा लगता है कि मुइज्जू सरकार भारत विरोधी माहौल बना रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी सहयोगी, खासतौर पर सबसे लंबे समय से सहयोगी (भारत) को अलग-थलग करना देश के विकास के लिए बेहद घातक होगा।
उन्होंने कहा, मालदीव की सरकार को लोगों के हित में सभी विकास साझेदारों के साथ मिलकर काम करना चाहिए। जैसाकि मालदीव पारंपरिक रूप से करता आया है। मालदीव की स्थिरता और सुरक्षा के लिए हिंद महासागर में स्थिरता और सुरक्षा जरूरी है।
MDP के प्रमुख फैयाज इस्माइल, डेमोक्रेटिक पार्टी के अध्यक्ष हसन लतीफ और सांसद अली अजीम ने एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान दोनों दलों ने कई मुद्दों पर मिलकर काम करने का एलान किया।
इसके अलावा, उन्होंने देश की विदेश नीति व पारदर्शिता की कमी समेत अन्य मुद्दों पर चिंता जताई। दोनों दलों के पास 87 सदस्यीय सदन में कुल मिलाकर 55 सीटें हैं। इन दलों के साझा बयान को आधारिक वेबसाइट और एक्स हैंडल पर भी पोस्ट किया गया है।
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गहरी नींद में थे लोग, तभी भूस्खलन से गांव पर आ गिरा पहाड़ का मलबा, 100 से ज्यादा की हुई मौत
नई दिल्ली। पापुआ न्यू गिनी में शुक्रवार को हुए भूस्खलन में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। एबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, भूस्खलन की घटना कथित तौर पर दक्षिण प्रशांत द्वीपीय देश की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में एंगा प्रांत के काओकलाम गांव में घटी। यह हादसा स्थानीय समय के अनुसार तड़के 3 बजे करीब हुआ। इलाके के निवासियों का कहना है कि मृतकों की संख्या 100 से अधिक भी हो सकती है।
यह प्राकृतिक आपदा तब हुई, जब पूरा गांव अलसुबह करीब 3 बजे गहरी नींद में था और पहाड़ का मलबा गांव पर आ गिरा।ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (ABC) की रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि शुक्रवार तड़के पापुआ न्यू गिनी के एक सुदूर गांव में हुए भूस्खलन में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। यह इलाका पापुआ न्यू गिनी की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किमी उत्तर-पश्चिम में स्थित एंगा प्रांत के काओकालम गांव में हुई है।
स्थानीय लोगों के हवाले से एबीसी ने जानकारी दी है कि इस प्राकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। हालांकि अधिकारियों ने अभी तक मौत के आधिकारिक आँकड़ों की जानकारी नहीं दी है। सोशल मीडिया पर भी इस खौफनाक हादसे के कई वीडियो सामने आए हैं, जिससे बड़ी-बड़ी चट्टानों, पेड़ों और मलबे के नीचे से ग्रामीणों की लाशों को निकालते हुए दिखाया जा रहा है।
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