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अन्तर्राष्ट्रीय

ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में बनेगा विश्व का सबसे ऊंचा राम मंदिर, 600 करोड़ रुपये आएगी लागत

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World tallest Ram temple will be built in Perth Australia

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पर्थ। ऑस्ट्रेलिया के पर्थ शहर में विश्व का सबसे ऊंचा राम मंदिर बनेगा। इसका निर्माण श्रीराम वैदिक एवं सांस्कृतिक ट्रस्ट की तरफ से किया जाएगा। श्री सीताराम ट्रस्ट के उप प्रधान डॉ. हरेंद्र राणा ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया के पर्थ शहर में 150 एकड़ जमीन में 600 करोड़ रुपये की लागत से श्रीराम मंदिर का निर्माण होगा। करीब 721 फुट ऊंचाई वाला विश्व का यह सबसे ऊंचा मंदिर होगा। ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. दिलावर सिंह हैं, जो पिछले 35 वर्षों से ऑस्ट्रेलिया में रहते हैं।

क्या-क्या होगा मंदिर में

मंदिर परिसर में हनुमान वाटिका, सीता वाटिका, जटायु बाग, शबरी वन, जामवंत सदन, नल नील तकनीकी और गुरु वशिष्ठ ज्ञान केंद्र होगा। मंदिर परिसर के 55 एकड भू-भाग पर सनातन वैदिक विश्वविद्यालय का निर्माण किया जाएगा। हनुमान वाटिका में हनुमान जी की 108 फुट उंची मूर्ति की स्थापना की जाएगी। शिव सप्त सागर नाम का कुंड बनाया जाएगा, जिसमें भगवान शिव की 51 फुट प्रतिमा होगी।

वैदिक पुस्तकों का अध्ययन केंद्र भी बनेगा

वैदिक पुस्तकों के अध्ययन व प्रचार प्रसार के लिए वाल्मीकि केंद्र भी बनाया जाएगा। श्रीराम वैदिक एवं सांस्कृति ट्रस्ट के पदाधिकारी और उनके परिजनों का एक प्रतिनिधि मंडल अयोध्या में श्रीराम मंदिर के दर्शन करने के लिए आएगा। यह यात्रा 27 फरवरी को पर्थ से शुरू होगी। यात्रा का दिल्ली पहुंचने पर स्वागत किया जाएगा।

इस 21 सदस्यीय ट्रस्ट में भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य हरेंद्र पाल राणा को उप प्रधान बनाया गया है। उन्होंने बताया कि ये मंदिर विश्व का सबसे ऊंचा मंदिर होगा। इस मंदिर में कई अदभुत चीजें होंगी जो आपने कभी नहीं देखी होगी।

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अन्तर्राष्ट्रीय

इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक पीएम मोदी ने जताया शोक, कहा- दुःख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक जताया है। इब्राहिम रईसी की रविवार को को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी। पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति डॉ. सैयद इब्राहिम रायसी के निधन से मुझे गहरा दुख और सदमा लगा है। भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके परिवार और ईरान के लोगों के प्रति मेरी संवेदना है। दुख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है।

बता दें कि अजरबैजान के घने और पहाड़ी इलाके में रविवार को राष्ट्रपति का विमान क्रैश हो गया था। इसके बाद ईरान की सेना ने हेलीकॉप्टर की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, जिसमें विमान का मलबा मिल गया। हालांकि, दुर्घटनास्थल पर जीवन के कोई संकेत नहीं मिले हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद राष्ट्रपति रईसी के जीवित होने की उम्मीदें न के बराबर हैं।

बता दें कि अजरबैजान के जंगल में खराब मौसम की वजह से इब्राहिम रईसी के विमान की आपात लैंडिंग कराई गई थी, जिससे हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद ईरान की जांच एजेंसियों को विमान का मलबा मिला। इसके बाद ईरानी मीडिया ने हेलीकॉप्टर हादसे में राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की मौत की पुष्टि की। ईरानी रेड क्रिसेंट प्रमुख ने बताया कि बचाव टीमें दुर्घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं। इस हादसे में विमान का पूरा केबिन जलकर राख हो गया, जिसमें किसी के जिंदा होने के निशान नहीं मिले हैं। इस बीच ईरानी न्यूज एजेंसी ने बताया कि हादसे में किसी के बचने की कोई उम्मीद नहीं है, क्योंकि राष्ट्रपति का चॉपर पूरी तरह से तबाह हो गया।

ईरान के प्रेस टीवी के अनुसार, रेस्क्यू दल ने ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर का पता लगा लिया है। दुर्घटनास्थल पर किसी भी जीवित व्यक्ति का कोई सुराग नहीं मिला है। आपको बता दें कि राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी पूर्वी अजरबैजान के दौरे गए थे। वे अपने विमान से राजधानी तेहरान लौट रहे थे, तभी उत्तर-पश्चिम में अजरबैजान देश की सीमा से सटे जुल्फा शहर के पास हादसा हो गया। उनके साथ हेलीकॉप्टर में विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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