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2023 में साल के पहले दिन 5 लाख भक्तों ने विशेश्वर के दरबार में लगाई थी हाजिरी

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वाराणसी| धर्म की नगरी काशी धार्मिक पर्यटन का केंद्र बनती जा रही है। नव्य,भव्य और दिव्य विश्वनाथ धाम में साल के पहले दिन श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ उमड़ी। मंगला आरती के बाद कपाट खुलने के साथ ही हर हर महादेव के उद्घोष के साथ दर्शन का क्रम जारी हुआ, जो देर रात कपाट बंद होने तक चलता रहा है। साल के पहले ही दिन बाबा के धाम में 5.90 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किया। वहीं पिछले साल 2023 में साल के पहले दिन 5 लाख भक्त विशेश्वर के दरबार पहुंचे थे। मंदिरों के अलावा घाटों पर भी सैलानियों का हुजूम देखने को मिला। नए साल पर पर्यटकों की भीड़ के अनुमान के मुताबिक योगी सरकार के निर्देश पर भक्तों के सुगम दर्शन और सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किये गए थे।

सुबह 9 बजे तक 2.50 लाख श्रद्धालु कर लिए थे दर्शन

नए वर्ष में भगवान शिव का आशीष पाने के लिए श्रद्धालुओं ने बाबा के दरबार में शीश नवाया। आंग्ल नववर्ष के पहले दिन श्री काशी विश्वनाथ धाम में पर्यटकों की कतार लगी रही। श्री काशी विश्वनाथ धाम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा ने बताया कि 2024 वर्ष के पहले दिन 5 लाख 90 हज़ार (शाम 5 बजे तक) श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ के दरबार में हाज़िरी लगाए है। सुबह 9 बजे तक 2.50 लाख और दोपहर दो बजे तक 4.60 लाख लोग बाबा के दर्शन पा चुके थे। अनुमान है बाबा के कपाट बंद होने तक 8 लाख श्रद्धालु दर्शन कर लेंगे। जो अपने आप रिकॉर्ड होगा, उन्होंने बताया कि बाबा के दरबार में भक्तों की बड़ी संख्या के आने का अनुमान पहले से था। श्रद्धालुओं को दर्शन करने में कोई समस्या न हो, इसके लिए मंदिर प्रशासन पहले से मुस्तैद था।

नमो घाट पर पर्यटकों की भारी भीड़

सुबह-ए-बनारस से दिन की शुरुआत करते हुए पर्यटकों ने नौका विहार व घाटों का आनंद लिया। पर्यटन का नया केंद्र बना नमो घाट पर भी कॉफई भीड़ रही। काशी के विकास की गाथा सुन पर्यटक की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जिसका सीधा लाभ वाराणसी और आसपास के लोगों के व्यापार को मिल रहा है।

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संजय सिंह ने एग्जिट पोल को बताया बेबुनियाद, बंद कराने की उठाई मांग

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आने से पहले आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने एग्जिट पोल्स की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। इतना ही नहीं उन्होंने एग्जिट पोल्स को बंद कराने की मांग भी की है। उनका कहना है कि ये एग्जिट पोल बेबुनियाद होते हैं। इसके लिए उन्होंने कई तर्क भी दिए। उन्होंने कहा कि जहां जितनी सीटें नहीं, उतनी सीटों पर चुनाव लड़वा रहे। कहीं भाजपा को दे रहे कुल वोट से ज्यादा शेयर तो कहीं उस पार्टी को चुनाव लड़वा दिया, जिसने उम्मीदवार ही नहीं उतारे।

उन्होंने कहा कि झारखंड में सीपीआईएम चुनाव ही नही लड़ रही है और उसे 2 से 3 सीट दे रहे हैं। तमिलनाडु में कांग्रेस खुद 9 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और एक्जिट पोल कांग्रेस को 13 सीट जीता रहे हैं। तमिलनाडु को बीजेपी को 34% वोट शेयर मिला है। बीजेपी खुद इस पर विश्वास नहीं कर रही। उत्तराखंड में कुल सीट 5 हैं, लेकिन बीजेपी 6 सीटों पर जीत रही है। हिमाचल में मतगणना होगी 4 सीट पर और आएंगी 6 सीट।

संजय सिंह ने कहा “राजस्थान 25 सीट पर नतीजे आएंगे और 33 सीटें मिल जाएंगी। यूपी में एनडीए की सीटें बढ़ गईं, इंडिया गठबंधन की घट गईं। केरल में 27 % वोट शेयर बीजेपी सुन कर बेहोश हो गई। ये कौन सा एक्जिट पोल है। एक्जिट पोल के इतिहास पर भी सवाल करते हुए उन्होंने कहा कि 2004 में एक्जिट पोल ने बीजेपी को जिता दिया था। बंगाल विधानसभा में बीजेपी को जिता दिया था, जबकि नतीजे इसके उलट रहे थे।

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