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अन्तर्राष्ट्रीय

हाफिज सईद को भारत लाने की तैयारी, केंद्र सरकार ने पाकिस्तान से की मोस्ट वांटेड आतंकी के प्रत्यर्पण की मांग

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Hafiz Saeed India extradition

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नई दिल्ली। भारत सरकार पाकिस्तान के मोस्ट वांटिड आतंकी हाफिज सईद को भारत लाने की तैयारी में है। सरकार ने इसके लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय से हाफिज को भारत सौंपने की मांग की है।

हाफिज के प्रत्यर्पण की मांग

पाकिस्तानी मीडिया इस्लामाबाद पोस्ट की माने तो भारत सरकार ने अधिकारिक तौर पर हाफिज सईद के भारत प्रत्यर्पण की मांग की है। पाक के विदेश मंत्रालय को भारत से अनुरोध प्राप्त हुआ है कि वो हाफिज के प्रत्यर्पण के लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू करे।

26/11 हमले का मास्टरमाइंड है हाफिज

हाफिज सईद मुंबई में हुए 26/11 हमले का मास्टरमाइंड है। हमले में अमेरिकियों समेत 160 से ज्यादा लोग मारे गए थे।

अमेरिका ने रखा हुआ है इनाम

हाफिज सईद के संगठन पर अमेरिका ने इनाम भी रखा हुआ है। अमेरिका ने हाफिज के संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) को भी आतंकी घोषित किया है और उसपर 1 करोड़ डॉलर का इनाम रखा है। आतंकी फंडिंग मामले में उसे जेल में बंद किया गया है।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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