Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

इस्राइल के खिलाफ सीरिया से खुल सकता है नया मोर्चा, रूस से बिगड़ते रिश्तों ने बढ़ाई चिंता

Published

on

A new front may open from Syria against Israel

Loading

तेल अवीव। इस्राइल हमास के बीच छिड़ी लड़ाई को करीब एक महीना हो चुका है और अब इस लड़ाई के बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है। दरअसल, इस्राइल की तरफ से सीरिया में मौजूद ईरान समर्थित कट्टरपंथी संगठन हिजबुल्ला के खिलाफ हवाई हमले किए जा रहे हैं। हिजबुल्ला के लड़ाके सीरियाई सीमा से इस्राइल पर हमले की कोशिशें कर रहे हैं, जिसके खिलाफ इस्राइली सेना कार्रवाई कर रही है।

इस मामले में अहम बात अब ये हुई है कि इस्राइल द्वारा रूस को इन हमलों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। जबकि अभी तक आमतौर पर ऐसा होता था कि जब इस्राइली सेना द्वारा सीरिया की सीमा में कार्रवाई की जाती थी तो रूस के साथ हमले की जानकारी साझा की जाती थी। रूस के उप-रक्षामंत्री मिखाइल बोगदानोव ने शुक्रवार को कहा कि ‘जैसा कि होता है, अब इस्राइल, सीरिया पर हमले से पहले जानकारी नहीं दे रहा है। हमें हमला होने के बाद इसका पता चलता है।’

सीरिया से खुल सकता है लड़ाई का नया मोर्चा

इसीलिए अब ऐसी आशंका जताई जा रही है कि सीरिया की तरफ से इस्राइल के खिलाफ नया मोर्चा खुल सकता है। लेबनान सीमा से इस्राइल और हिजबुल्ला के बीच पहले से ही लगातार गोलीबारी हो रही है। ऐसे में जब अमेरिका द्वारा कोशिश की जा रही है कि इस्राइल हमास संघर्ष को सीमित रखा जाए तो सीरिया से भी लड़ाई का मोर्चा खुलने हालात चिंताजनक हो सकते हैं।

संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिनिधि गेर पेडरसन का कहना है कि सीरिया से नया मोर्चा खुलने का सिर्फ खतरा नहीं है बल्कि यहां लड़ाई शुरू भी हो चुकी है। हाल ही में इस्राइली सेना ने सीरिया की सीमा में जहां हमला किया है, उसके पास ही रूसी सेना का बेस था। इस्राइली सेना द्वारा सीरिया के दो हवाई अड्डों दमिश्क और अलेप्पो पर भी बमबारी की गई है।

लंबे समय से युद्ध से जूझ रहा सीरिया

बता दें कि सीरिया पहले से ही लड़ाइयों के केंद्र में है। अमेरिका के 1000 सैनिक यहां इस्लामी कट्टरपंथियों से लड़ रहे हैं। वहीं तुर्किये की सेना उत्तरी सीमा पर कुर्द लड़ाकों से लड़ रही है। ईरान और रूस सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद का समर्थन कर रहे हैं।

वहां अब तक लड़ाई में हजारों लोग मारे जा चुके हैं और लाखों लोग पलायन कर गए हैं। बता दें कि हिजबुल्ला के खिलाफ इस्राइली सेना सीरिया सीमा पर सालों से कार्रवाई कर रही है। साल 2015 में रूस ने इसमें हस्तक्षेप किया और उसके बाद से इस्राइल, सीरिया पर हमले से पहले रूस को सूचना देता रहा है ताकि दोनों सेनाएं गलती से आपस में ना भिड़ जाएं।

अब दोनों देशों में इस समन्वय की कमी दिख रही है। इस्राइल सरकार ने इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहा है कि लेकिन ये साफ कर दिया है कि ‘वह सीरिया में ईरान की सेना या हिजबुल्ला को अपनी उपस्थिति नहीं बनाने देंगे।’

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्‍तानी अमेरिकी अरबपति साजिद तरार का बयान- मोदी फिर बनेंगे पीएम, उनके जैसे नेता की हमें भी जरुरत

Published

on

Loading

नई दिल्ली। पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी कारोबारी साजिद तरार ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक मजबूत नेता हैं जो भारत को नई ऊंचाइयों पर ले गए हैं और वह तीसरी बार देश के पीएम के रूप में लौटेंगे। साजिद तरार ने कहा कि मोदी न केवल भारत के लिए बल्कि क्षेत्र और दुनिया के लिए अच्छे हैं और उम्मीद है कि पाकिस्तान को भी उनके जैसा नेता मिलेगा।

पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी कारोबारी पीएम मोदी को दुनिया का मजबूत नेता बताया है। उन्होंने कहा कि मोदी न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया और दक्षिण एशिया के लिए अच्छे नेता हैं। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि पाकिस्तान को भी उनके जैसा नेता मिलेगा। तरार ने कहा कि वह एक जन्मजात नेता हैं। वह एक ऐसे पीएम हैं जिन्होंने अपनी राजनीति को जोखिम में डालकर पाकिस्तान का दौरा किया। मैं उम्मीद करता हूं वे पाकिस्तान के साथ बातचीत और व्यापार शुरू करेंगे।

उन्होंने आगे कहा कि भारत एक युवा देश है और उसे युवा लोगों का अच्छा साथ मिल रहा है। तरार ने आगे कहा कि यह एक चमत्कार है। भारत के 97 करोड़ लोग अपने मत डाल रहे हैं। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। आप भविष्य में देखेंगे कि लोग भारतीय लोकतंत्र से सीख लेंगे। तरार ने पीओके में चल रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर कहा कि आर्थिक स्थिति खराब होने और महंगाई के कारण वहां के लोग परेशान है। उन्होंने पाकिस्तानी पीएम के आर्थिक पैकेज को लेकर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि पूरे पाकिस्तान में फिलहाल पीओके जैसी ही स्थिति है। आतंकवाद-कानून व्यवस्था और राजनीतिक अस्थिरता के कारण आज देश कई संकटों से जूझ रहा हैं।

 

Continue Reading

Trending