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नेशनल

चंद्रयान-3 के काउंटडाउन की आवाज़ हुई खामोश, ISRO वैज्ञानिक का हार्ट अटैक से निधन

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ISRO scientist dies of heart attack

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बेंगलुरु। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और देश के लोगों के लिए एक बुरी खबर है। इसरो की एक वैज्ञानिक अब नहीं रही हैं। भारत के मून मिशन चंद्रयान-3 के काउंटडाउन की गिनती करने वाली आवाज हमेशा के लिए खामोश हो गई। वैज्ञानिक वलारमथी का हार्ट अटैक के कारण निधन हो गया।

इसरो वैज्ञानिकों में शोक

कुछ मशहूर हस्तियों, राजनेताओं, स्टार्स और खेल हस्तियों की आवाज हमारे दिमाग में जिंदगी भर के लिए रह जाती हैं। ऐसी ही एक आवाज फीकी पड़ गई। वलारमथी, जिन्होंने चंद्रयान-3 मिशन लॉन्चिंग में अपनी अनूठी आवाज से घोषणाएं की वह रविवार शाम दुनिया को अलविदा कह गईं। उनके निधन से इसरो वैज्ञानिकों में शोक की लहर दौड़ गई है।

इस शहर में ली अंतिम सांस

तमिलनाडु के अरियालुर की रहने वालीं वलारमथी का निधन रविवार शाम को हो गया था। उन्होंने राजधानी चेन्नई में अंतिम सांस ली। इस साल 23 अगस्त को चांद के उत्तरी ध्रुव पर लैंड करने वाले चंद्रयान 3 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई को लॉन्च किया गया था। लॉन्चिंग के समय काउंटडाउन की सुनाई देने वाली गिनती को वलारमथी ने आवाज दी थी

सोशल मीडिया पर दुख

इसरो के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. पीवी वेंकटकृष्ण ने वलारमथी के निधन पर शोक जताया। उन्होंने कहा कि श्रीहरिकोटा से इसरो के भविष्य के मिशनों की उलटी गिनती के लिए वलारमथी की आवाज अब सुनाई नहीं देगी। चंद्रयान-3 उनका अंतिम काउंटडाउन था। उन्होंने कहा कि वलारमथी के निधन की खबर से बहुत दुख हुआ। वहीं, सोशल मीडिया पर भी लोग अपना दुख व्यक्त कर रहे हैं।

चंद्रयान-3 मिशन की टीम में शामिल थीं वलारमथी

चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर 23 अगस्त को चांद की सतह पर उतरा था, जिससे भारत के नाम एक बड़ी उपलब्धि जुड़ गई। भारत दुनिया का चौथा देश बन गया, जिसने चांद पर अपने मिशन को सफल बनाया। इसके साथ ही दुनिया का इकलौता ऐसा देश बना जिसने साउथ पोल पर लैंडिंग कराई है। शनिवार को इसरो ने 11वें दिन प्रज्ञान रोवर को निष्क्रिय कर दिया। अब दोबारा 14 दिन बाद प्रज्ञान अपना काम शुरू करेगा।

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नेशनल

कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

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नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

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