जुर्म
दिल्ली: अमेजन मैनेजर हत्याकांड का मुख्य आरोपी गिरफ्तार, अब तक दो अरेस्ट
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने अमेजन में मैनेजर हरप्रीत गिल हत्याकांड के मुख्य आरोपी माया को भी गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले पुलिस ने एक अन्य आरोपी बिलाल को देर रात करीब दो बजे सिग्नेचर ब्रिज के पास से पकड़ा था। इन दोनों ने अपने साथियों को साथ मिलकर भजनपुरा में ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थीं।
जिसमें अमेजन कंपनी के मैनेजर की मौत हो गई थी और एक अन्य घायल हुआ था। दिल्ली पुलिस ने बताया कि इस मामले में बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं। आगे की जांच जारी है। आरोपी बिलाल गनी उर्फ मल्लू पुत्र मो. शाद निवासी बी-241/6, गली नंबर 19/20, सुभाष मोहल्ला, भजनपुरा का रहने वाला है। बिलाल गनी उर्फ मल्लू कुछ दिन पहले ही 18 साल का हुआ है। उसने दसवीं तक की पढ़ाई की है।
गांजा पीने की आदत के कारण उनका उपनाम ‘मल्लू’ पड़ गया। वह 5 भाई-बहनों में सबसे बड़ा है। वह उत्तरी घोंडा, भजनपुरा में एक वेल्डिंग की दुकान पर काम करता है। मंगलवार रात उत्तर-पूर्वी दिल्ली के भजनपुरा इलाके में थाने से चंद कदमों की दूरी पर बाइक व स्कूटी सवार बदमाशों ने अमेजन के सीनियर मैनेजर और उसके मामा को गोली मार दी थी।
गंभीर हालत में मैनेजर हरप्रीत गिल (36) और इनके मामा गोविंद (32) को नजदीकी जग प्रवेश चंद अस्पताल ले जाया गया, जहां हरप्रीत को मृत घोषित कर दिया गया। मामा का इलाज जारी है। पुलिस ने बुधवार को जीटीबी अस्पताल की मोर्चरी में पोस्टमार्टम करवा कर हरप्रीत का शव परिवार को सौंप दिया।
हरप्रीत गिल परिवार के साथ गली नंबर-1, सुभाष विहार, भजनपुरा में रहते थे। इनके परिवार में पिता करनैल सिंह, मां स्वर्णदीप कौर और एक छोटा भाई सन्नी गिल है। हरप्रीत पिछले करीब 14 सालों से अमेजन में सीनियर मैनेजर के पद पर तैनात थे। फिलहाल उनकी तैनाती जखीरा स्थित दफ्तर में थी।
रिश्ते में हरप्रीत के मामा लगने वाले गोविंद सिंह गली में ही परिवार के साथ रहते हैं। वह भजनपुरा मार्केट में हंग्रीबर्ड के नाम से मोमोज की दुकान चलाते हैं। मंगलवार रात को हरप्रीत अपने दफ्तर से घर आ गए। देर रात करीब 11 बजे दोनों बाइक से किसी काम से निकले। रात करीब 11.45 बजे वापस लौटते समय गली नंबर-8/4 में उनका वहां से स्कूटी व बाइक पर गुजर रहे पांच लड़कों से कुछ विवाद हो गया। बदमाशों ने पिस्टल निकालकर दोनों की कनपटी पर सटाकर गोली मार दी और फरार हो गए।
जिला पुलिस उपायुक्त डॉ. जॉय टिर्की का कहना है कि इनसे लूटपाट का प्रयास नहीं किया गया। परिजनों ने लेनदेन और रंजिश की बात से साफ इनकार किया है। आरोपियों की पहचान कर ली गई है। जल्द ही उन्हें दबोच लिया जाएगा।
हरप्रीत का हो गया था प्रमोशन, जाना था बेंगलुरु
हरप्रीत की मौत के बाद से उसके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। मंगलवार को जब परिवार को उसकी हत्या की सूचना मिली तो घर में कोहराम मच गया। मृतक का भाई सन्नी घटना स्थल की ओर भागा तो हादसे का शिकार हो गया। उसे गंभीर चोटें लगीं। एक परिजन ने बताया कि हरप्रीत का प्रमोशन हो गया था और अगले सप्ताह उसे बेंगलुरू जाना था।
उसके पिता करनैल सिंह काफी समय से बीमार चल रहे हैं। बेटे की मौत की खबर सुनकर वह बेहोश हो गए। यही हाल उसकी मां का भी था। दूसरी ओर गोविंद सिंह के परिजन उसके जल्द ठीक होने के लिए दुआएं कर रहे हैं।
एरिया के बदमाश समीर का नाम आया सामने
हत्याकांड में एरिया के नामी बदमाश समीर उर्फ माया का नाम सामने आया है। सूत्रों का कहना है कि वारदात के समय वह अपने दोस्तों के साथ वहां से गुजर रहा था। उसकी स्कूटी हरप्रीत की बाइक से टच हो गई। इसके बाद उसने और उसके साथियों ने दोनों को गोली मार दी।
उत्तर प्रदेश
मेरी पत्नी से शिक्षक का था अफेयर, इसलिए मार डाला; वकील के कबूलनामे से आया नया ट्विस्ट
कानपुर। उप्र के कानपुर के पनकी के पतरसा में शिक्षक दयाराम सोनकर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार वकील संजीव कुमार के बयान ने पेंच फंसा दिया है। वकील ने जो बयान दिया, उसके मुताबिक शिक्षक के उसकी पत्नी से अवैध संबंध थे। चूंकि शिक्षक वर्तमान में कानपुर देहात में ही रह रहा था।
इसके चलते पत्नी भी कानपुर देहात स्थित मायके में ही थी। इसलिए उसने रविवार को दयाराम को बुलाकर अकेले ही बंद कमरे में जिंदा जलाकर मार डाला। वहीं, मृतक के भाई का कहना है कि भाभी के संबंध ढाबा संचालक से थे। विरोध करने पर भाभी ने प्रेमी और वकील के साथ मिलकर भाई की हत्या कर दी।
मृतक दयाराम के छोटे भाई अनुज ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि भाई दयाराम ने अपने मोबाइल फोन से उन्हें कॉल करके बताया था कि संजीव, पवन और संगीता ने उन्हें कमरे में बंद करके आग लगा दी है और भाग गए हैं। तहरीर के आधार पर पुलिस ने जब वकील संजीव को उठाकर पूछताछ शुरू की तो कहानी में नया मोड़ आ गया।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक संजीव ने बताया कि दयाराम जिस कॉलेज में पढ़ाता था, उसी में संजीव का साला शिक्षक है। दोनों में गहरी दोस्ती थी। दयाराम का संजीव के साले के घर में भी आना-जाना था। संजीव को दयाराम और उसकी पत्नी के बीच अवैध संबंध का शक था।
संजीव के अनुसार, पत्नी को कई बार घर लाने की कोशिश की, लेकिन वो राजी नहीं हुई। पत्नी से संबंधों को लेकर बातचीत के लिए दयाराम को घर बुलाया। इसके बाद पेट्रोल डालकर आग लगा दी। हालांकि, पुलिस को अन्य हत्यारोपियों की घटनास्थल के आसपास लोकेशन भी नहीं मिली है। दोनों कहानियों की तह तक जाने के लिए पुलिस अब सक्ष्यों की मदद ले रही है।
संजीव कई बार बुला चुका था दयाराम को
अनुज ने बताया कि संजीव कई बार दयाराम को फोन करके उसकी पत्नी से समझौता कराने की बात कहकर बुला चुका था। परिवार वालों की राय के बाद वे समझौते के लिए गए थे, वहां सभी ने मिलकर उनके भाई की हत्या कर दी।
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