प्रादेशिक
यूपी पुलिस के अभियान को बॉलीवुड फिल्म स्टार राजकुमार राव का मिला समर्थन, जमकर की तारीफ
लखनऊ: साइबर फ्राड और क्राइम को कंट्रोल करने के लिए योगी सरकार की यूपी पुलिस युद्धस्तर पर काम कर रही है ताकि प्रदेशवासियों की गाढ़ी कमाई पर कोई भी अपनी बुरा नजर न डाल सके। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साइबर क्राइम पर लगाम लगाने को प्रदेश के 18 रेंज में साइबर थानों की स्थापना भी की है जबकि वर्ष 2017 से पहले प्रदेश में दो साइबर थाने ही थे। वहीं मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप यूपी पुलिस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिये आमजन को ऑनलाइन शॉपिंग फ्रॉड से सतर्क रहने एवं जागरूक करने के लिए मुहिम चला रही है, जिसे लोगों का काफी सपोर्ट मिल रहा है।
सीएम योगी की यूपी पुलिस द्वारा ऑनलाइन फ्राॅड से सतर्क रहने के ट्वीट की हो रही सराहना
यूपी पुलिस ने मुहिम के तहत अपने ट्विटर हैंडल @UPPolice से 9 जुलाई को ट्वीट किया था, जिस पर बॉलीवुड फिल्म स्टार राजकुमार राव ने ऑनलाइन शॉपिंग फ्रॉड से लोगों से सतर्क रहने की अपील करते हुए यूपी पुलिस के साइबर क्राइम जागरूकता अभियान की सराहना की थी। यूपी पुलिस के इस ट्वीट को अभी तक लगभग 20 हजार से अधिक लोगों द्वारा देखा जा चुका है तथा लगभग 400 लोगों द्वारा रिट्वीट और 500 से अधिक लोगों द्वारा लाइक किया जा चुका है। मालूम हो कि पुलिस महानिदेशक/पुलिस महानिरीक्षक के सम्मेलन में क्षेत्रीय भाषाओं में साइबर क्राइम एवं हेल्प लाइन के बारे में आमजन को जागरूक किये जाने की अपेक्षा की गयी थी। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा फिल्म अभिनेता राजकुमार राव के माध्यम से आमजन को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक किये जाने का प्रयास किया गया है। भविष्य में अन्य फिल्मी सितारों, खिलाड़ियां को भी साइबर क्राइम के जागरूकता अभियान से जोड़े जाने का कार्य यूपी पुलिस द्वारा किया जायेगा।
5432 साइबर अपराधियों को भेजा गया जेल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर वर्तमान में 18 रेंज में साइबर थाने संचालित हैं, जिनमें 91 निरीक्षक, 93 उपनिरीक्षक, 51 मुख्य आरक्षी एवं 176 आरक्षी के पद तथा इनके प्रभावी पर्यवेक्षण के लिए मुख्यालय स्तर पर अपर पुलिस महानिदेशक के अधीन 17 पुलिस उपाधीक्षक, 4 अपर पुलिस अधीक्षक, 2 पुलिस अधीक्षक एवं 1 पुलिस महानिरीक्षक के पद स्वीकृत किये गये हैं। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश के हर जनपद में साइबर थाना खोले जाने की घोषणा की गयी थी, जिसके अनुपालन में प्रदेश के 57 जनपदों में साइबर थाना स्थापित करने की कार्यवाही प्रचलित है। इसके साथ ही किसी व्यक्ति से धोखाधड़ी होने पर त्वरित कार्यवाही के लिए साइबर की हेल्प लाइन नम्बर 1930 पर 13 मई 2021 से चालू है। इस हेल्पलाइन की मदद से अभी तक प्रदेश में 52.50 करोड़ की राशि सम्बन्धित बैंकों में फ्रीज/होल्ड करायी गयी है। वहीं साइबर अपराधों में प्रदेश के थानों द्वारा कुल 5,432 साइबर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया एवं 89.46 करोड़ की धनराशि बरामद की गयी है। इतना ही नहीं साइबर अपराध से सम्बन्धित मामलों में गुणवत्तापूर्ण विवेचनात्मक कार्यवाही की जा रही है एवं साइबर क्राइम अपराध सम्बन्धित अभियोगों में अभी तक 5,477 आरोप पत्र कोर्ट में पेश किए जा चुके हैं।
नेशनल
पुणे पोर्श कार केस : आरोपी की मां गिरफ्तार, बेटे के बदले अपना ब्लड सैंपल देने का है आरोप
पुणे। पुणे पोर्श कार केस में नाबालिग आरोपी की मां को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने इसकी जानकारी दी है। नाबालिग आरोपी की मां पर अपने बेटे का ब्लड सैंपल बदलने के लिए अपना ब्लड सैंपल देने का आरोप है। पुलिस ने कोर्ट में कहा कि नाबालिग आरोपी का ब्लड सैंपल उसकी मां ने अपने ब्लज सैंपल से बदल दिया था, ताकि यह दिखाया जा सके कि घटना के वक्त वह नशे में नहीं था। साथ ही कुछ दिन पहले ही आरोपी की मां का एक वीडियो वायरल हुआ था। जहां उन्होंने पुलिस से अनुरोध किया था कि वो उसके बेटे की रक्षा करे। आरोपी की मां ने वीडियो में कहा था कि जो वीडियो वायरल हो रहा है वो उसके बेटे का नहीं है बल्कि किसी और का है।
बता दें कि पुणे के कल्याणी नगर में 19 मई को ‘पोर्श’ कार के 17 वर्षीय चालक ने मोटरसाइकिल सवार दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को टक्कर मार दी थी। इस हादसे में दोनों की मौत हो गई थी। पुलिस ने दावा किया कि आरोपी नशे की हालत में कार चला रहा था। मामले के 17 वर्षीय आरोपी को एक सुधार गृह में भेज दिया गया, जबकि उसके पिता एवं रियल एस्टेट कारोबारी विशाल अग्रवाल और दादा सुरेंद्र अग्रवाल को परिवार के वाहन चालक का कथित तौर पर अपहरण करने और उस पर हादसे की जिम्मेदारी लेने का दबाव बनाने के लिए गिरफ्तार किया गया है।
इससे पहले न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ए ए पांडे की अदालत ने दो डॉक्टरों, डॉ. श्रीहरि हरनोर और डॉ. अजय तवारे के साथ-साथ अस्पताल के एक कर्मचारी अतुल घाटकांबले को 30 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया था। ससून जनरल अस्पताल के दो डॉक्टरों और एक कर्मचारी को किशोर के ब्लड सैंपल में हेरफेर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था ताकि यह दिखाया जा सके कि दुर्घटना के समय वह नशे में नहीं था। अभियोजन पक्ष ने कहा कि किशोर के पिता ने डॉक्टरों में से एक को बुलाया था और उसे नमूने बदलने के लिए कहा था, साथ ही पुलिस यह जांच करना चाहती थी कि नमूनों में हेरफेर करने के निर्देश किसने दिए थे।
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