अन्तर्राष्ट्रीय
राहुल गांधी के कार्यक्रम में लहराए खालिस्तानी झंडे, भाजपा बोली- नफरत की आग अब तक नहीं बुझी
सांता क्लारा (अमेरिका)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अमेरिका दौरे के दौरान उनके कार्यक्रम में खालिस्तानी समर्थकों द्वारा नारेबाजी की गई। जब राहुल गांधी प्रवासी भारतीयों को संबोधित कर रहे थे, तभी कुछ खालिस्तानी समर्थकों ने उनके कार्यक्रम में नारेबाजी शुरू कर दी, उन्होंने वहां खालिस्तानी झंडा भी फहराया।
खालिस्तानी समर्थकों ने राहुल के कार्यक्रम में किया हंगामा
दरअसल, राहुल गांधी अमेरिकी राज्य कैलिफोर्निया में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। तभी वहां मौजूद दर्शकों में से कुछ लोगों ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के संबंध में उनके और गांधी परिवार के खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए। नारेबाजी के जवाब में राहुल गांधी मुस्कुराए और कहा कि ‘नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान का स्वागत है।’ इसके बाद राहुल ने भारत जोड़ो के नारे लगाए।
राहुल गांधी ने लगाए ‘भारत जोड़ो’ के नारे
कार्यक्रम के दौरान राहुल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के बारे में दिलचस्प बात यह है कि हमें हर किसी से प्यार है। अगर कोई आकर कुछ कहना चाहे, तो हमें उनकी बात सुनने में खुशी होती है। राहुल ने आगे कहा कि हम नाराज नहीं होंगे, हम आक्रामक नहीं होंगे। हम इसे अच्छी तरह से सुनेंगे। वास्तव में हम उनसे प्रेम करेंगे क्योंकि यही हमारा स्वभाव है।
अमित मालवीय बोले- नफरत की आग, अब तक नहीं बुझी
वहीं, बीजेपी नेता बीजेपी नेता अमित मालवीय ने इस घटना से जुड़ा एक वीडियो ट्विटर पर शेयर किया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि अमेरिका में राहुल गांधी के कार्यक्रम के दौरान 1984 के सिख नरसंहार को लेकर हंगामा किया, जो कांग्रेस द्वारा फैलाया गया था। ऐसी नफरत की आग लगाई थी, जो अब तक नहीं बुझी।
सुप्रिया श्रीनेत ने किया पलटवार
अमित मालवीय के ट्वीट पर कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने पलटवार किया। उन्होंने अमित मालवीय से पूछा कि वह राहुल गांधी का विरोध करने के लिए खालिस्तान समर्थक तत्वों का समर्थन क्यों कर रहे हैं? अगर आपने आगे सुना होता तो आपको पता चलता कि उन खालिस्तानी नारों का जवाब देने के लिए लोगों ने भारत जोड़ो का नारा कैसे लगाया। आप भी तिरंगा उठाएं और कहें ‘भारत जोड़ो’। यकीन मानिए आपके जैसा देशद्रोही भी अच्छा महसूस करेगा।
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गहरी नींद में थे लोग, तभी भूस्खलन से गांव पर आ गिरा पहाड़ का मलबा, 100 से ज्यादा की हुई मौत
नई दिल्ली। पापुआ न्यू गिनी में शुक्रवार को हुए भूस्खलन में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। एबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, भूस्खलन की घटना कथित तौर पर दक्षिण प्रशांत द्वीपीय देश की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में एंगा प्रांत के काओकलाम गांव में घटी। यह हादसा स्थानीय समय के अनुसार तड़के 3 बजे करीब हुआ। इलाके के निवासियों का कहना है कि मृतकों की संख्या 100 से अधिक भी हो सकती है।
यह प्राकृतिक आपदा तब हुई, जब पूरा गांव अलसुबह करीब 3 बजे गहरी नींद में था और पहाड़ का मलबा गांव पर आ गिरा।ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (ABC) की रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि शुक्रवार तड़के पापुआ न्यू गिनी के एक सुदूर गांव में हुए भूस्खलन में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। यह इलाका पापुआ न्यू गिनी की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किमी उत्तर-पश्चिम में स्थित एंगा प्रांत के काओकालम गांव में हुई है।
स्थानीय लोगों के हवाले से एबीसी ने जानकारी दी है कि इस प्राकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। हालांकि अधिकारियों ने अभी तक मौत के आधिकारिक आँकड़ों की जानकारी नहीं दी है। सोशल मीडिया पर भी इस खौफनाक हादसे के कई वीडियो सामने आए हैं, जिससे बड़ी-बड़ी चट्टानों, पेड़ों और मलबे के नीचे से ग्रामीणों की लाशों को निकालते हुए दिखाया जा रहा है।
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