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सीएम योगी, शाहरुख खान सहित कई हस्तियों का ट्विटर नहीं रहा वेरिफाइड, हटा ब्लू टिक
नई दिल्ली। ट्विटर इंडिया ने वेरिफाइड अकाउंट के ब्लू टिक साइन को आज बृहस्पतिवार से पेड कर दिया है। माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने अपनी घोषणा के मुताबिक वेरिफाइड अकाउंट से फ्री ब्लू टिक हटा दिए हैं। जिन लोगों ने ट्विटर ब्लू प्लान के लिए भुगतान नहीं किया है उनके अकाउंट से ब्लू टिक हटाए दिए हैं।
इनमें यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, विराट कोहली, रोहित शर्मा, शाहरुख खान, अक्षय कुमार, अमिताभ बच्चन जैसी हस्तियां शामिल हैं। कंपनी के मालिक एलन मस्क ने इसका ऐलान पहले ही कर दिया था।
उन्होंने कहा था कि 20 अप्रैल के बाद से उन अकाउंट्स से ब्लू टिक हटा दिया जाएगा, जिन्होंने पेड सब्सक्रिप्शन नहीं लिया है। उन्होंने जोर देकर कहा था कि अगर ब्लू टिक चाहिए तो इसके लिए मंथली चार्ज देना पड़ेगा।
सीएम योगी का वेरिफाइड साइन हटा
ट्विटर की नई व्यवस्था लागू होते ही उप्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक बसपा सुप्रीमो मायावती सहित सरकार के मंत्रियों, राजनीतिक दलों के नेताओं के ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक साइन हट गया।
सीएम, डिप्टी सीएम सहित नेताओं के ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक साइन हटते ही सोशल मीडिया पर हल्ला मच गया। भाजपा सोशल मीडिया प्रकोष्ठ के संयोजक अंकित सिंह चंदेल का कहना है कि वेरिफाइड अकाउंट पेड होने के कारण ब्लू टिक हटाए गए है। फिलहाल केवल केंद्रीय मंत्री, सांसद और ग्रे टिक वाले अकाउंट ही वेरिफाइड है।
क्या है ट्विटर ब्लू?
मस्क ने ट्विटर खरीदने के बाद ही कई नए फैसले लिए थे, जिसमें ट्विटर ब्लू सब्सक्रिप्शन भी शामिल है। ट्विटर ब्लू के तहत ब्लू टिक के लिए यूजर्स को हर महीने एक तय राशि देनी होती है। भारत में ट्विटर ब्लू सब्सक्रिप्शन की सुविधा में मोबाइल के लिए हर महीने 900 रुपये और वेब वर्जन के लिए 650 रुपये की कीमत तय की गई है।
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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।
इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड
सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।
जनवरी में होगी अगली बैठक
जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।
वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।
फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम
विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।
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