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एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी भाजपा में शामिल, BBC की डॉक्यूमेंट्री पर उठाए थे सवाल
नई दिल्ली। भाजपा ने आज अपने स्थापना दिवस समारोह पर कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और केरल से कांग्रेस के दिग्गज नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी भाजपा में शामिल हो गए हैं। उन्होंने नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।
इस दौरान अनिल एंटनी ने कहा कि एक भारतीय युवा होने के नाते मुझे ऐसा लगता है कि यह मेरी जिम्मेदारी और कर्तव्य है कि मैं प्रधानमंत्री के राष्ट्र निर्माण और राष्ट्रीय एकता के दृष्टिकोण में अपना योगदान दूं।
बता दें कि पिछले दिनों बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री आने के बाद कांग्रेस के स्टैंड पर अनिल ने सवाल खड़े किए थे। अनिल ने इसको लेकर सोशल मीडिया पर लिखा था, जिसके बाद कांग्रेस के कई नेताओं ने उनकी आलोचना की थी। इसके बाद अनिल एंटनी ने अपने सभी पद छोड़ दिए थे।
डाक्यूमेंट्री देश की संप्रभुता को कमजोर करेगा
इससे पहले एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने भाजपा का समर्थन करते हुए कहा था कि भारतीय संस्थानों पर ब्रिटिश ब्रॉडकास्टर के विचारों को रखना देश की संप्रभुता को कमजोर करेगा। उन्होंने कहा, ‘बीजेपी के साथ बड़े मतभेदों के बावजूद, मुझे लगता है कि वे (भारत में) बीबीसी के विचारों को रखते हैं, एक राज्य प्रायोजित चैनल (कथित भारत) पूर्वाग्रहों के एक लंबे इतिहास के साथ हमारी संप्रभुता को कमजोर कर देंगे’।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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