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अन्तर्राष्ट्रीय

राहुल गांधी की सदस्यता पर बोले US सांसद- गांधीवादी विचारधारा के साथ ‘गहरा विश्वासघात’

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US MP Ro Khanna said on Rahul Gandhi membership

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वाशिंगटन। मोदी सरनेम मामले में विवादित बयान को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मिली दो साल की सजा के बाद उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द किए जाने का मुद्दा सरहद पार चला गया है। जहां एक ओर भारत में पूरा विपक्ष लामबंद है, वहीं अब संयुक्त राष्ट्र से लेकर अमेरिकी सांसद तक के बयान सामने आए हैं।

भारतीय मूल के प्रभावशाली अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने कल शुक्रवार को राहुल गांधी को लोकसभा सदस्यता से अयोग्य घोषित किए जाने के फैसले को गांधीवादी विचारधारा के साथ ‘गहरा विश्वासघात’ करार दे दिया।

क्या बोले अमेरिकी सांसद?

रो खन्ना ने ट्वीट किया, “राहुल गांधी को संसद की सदस्यता से अयोग्य ठहराया जाना गांधीवादी दर्शन और भारत के गहरे मूल्यों के साथ गहरा विश्वासघात है।” उन्होंने कहा, यह वह नहीं है, जिसके लिए मेरे दादाजी ने अपनी जिंदगी के कई साल जेल में कुर्बान कर दिए थे।

रो खन्ना अमेरिका की प्रतिनिधि सभा में सिलिकॉन वैली का प्रतिनिधित्व करते हैं। वह भारत और भारतीय-अमेरिकियों पर अमेरिकी संसद के कॉकस के सह-अध्यक्ष हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध करते हुए रो खन्ना ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “भारतीय लोकतंत्र के हित के लिए आपके पास इस फैसले को पलटने की शक्ति है।

वहीं, अमेरिका में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के उपाध्यक्ष जॉर्ज अब्राहम ने राहुल की अयोग्यता को भारत में लोकतंत्र के लिए एक दुखद दिन करार दिया। उन्होंने कहा, यह भारत में लोकतंत्र के लिए एक दुखद दिन है। राहुल गांधी को अयोग्य ठहराकर, मोदी सरकार हर जगह अभिव्यक्ति की आजादी और भारतीयों की आजादी के अधिकार के लिए मौत की घंटी बजा रही है।”

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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