उत्तर प्रदेश
उप्र के 11 जिलों में बनेगी नई जेल, 2 से 5 साल में हो जाएगा निर्माण
लखनऊ। उप्र की जेलों में क्षमता से अधिक बंदियों की संख्या को देखते हुए राज्य सरकार ने नई जेलों के निर्माण का फैसला लिया है। इनमें 11 ऐसे जिले हैं, जहां अभी कोई जेल नहीं है। इसके अलावा एक केंद्रीय कारागार और नौ जिलों में दूसरी जेल के निर्माण की कवायद शुरू कर दी गई है।
इसके अलावा कुछ जेलों में बैरकों की संख्या बढ़ाई जा रही है। इसके लिए शासन ने कारागार विभाग को बजट जारी कर दिया है। नई जेलों के निर्माण का लक्ष्य 2 से 5 साल का निर्धारित किया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक उच्च स्तरीय बैठक में कारागार प्रशासन एवं सुधार विभाग ने अवगत कराया था कि वर्तमान में प्रदेश की केंद्रीय और जिला कारागार समेत कई कारागार में क्षमता से अधिक बंदी हैं।
ऐसे में जेल मैनुअल द्वारा प्रदत्त सुविधाएं उपलब्ध कराने और बंदियों के मानवाधिकारों के संरक्षण को देखते हुए नई जेलों की आवश्यकता है। वर्तमान में 7 केंद्रीय कारागार में 13,669 बंदियों की क्षमता है जबकि यहां पर 15,201 बंदी निरुद्ध हैं।
इसी तरह 62 जिला कारागार में 49,107 बंदियों की क्षमता है। जिसके सापेक्ष 95,597 बंदी निरुद्ध हैं। इसके दृष्टिगत कारागार विभाग ने प्रदेश के 11 जिलों में नई जेलों के निर्माण का प्रस्ताव बनाकर शासन को सौंपा था जिसे मुख्यमंत्री ने मंजूरी प्रदान कर दी है।
इन 11 जिलों में बनेगी नई जेल
अमेठी, महोबा, कुशीनगर, चंदौली, औरेया, हापुड़, संभल, अमरोहा, भदोही, हाथरस, शामली में नई जेलों को निर्माण की कार्यवाही शुरू कर दी गई है। वहीं ललितपुर में नये केंद्रीय कारागार का निर्माण होना है। ललितपु में ही एक हजार बंदी क्षमता की दूसरे जिला कारागार का भी निर्माण होगा।
बरेली की पुरानी जेल के मरम्मत एवं नवीनीकरण के लिए धनराशि स्वीकृत कर दी गई है, जिसका बंदी क्षमता 2579 होगी। मुरादाबाद, मुजफ्फनगर में तीन-तीन हजार, शाहजहांपुर, बदायूं, वाराणसी में दो-दो हजार, जौनपुर, रामपुर में एक-एक हजार और कानपुर नगर में 5 हजार बंदी क्षमता के जिला कारागार के निर्माण की कवायद जारी है। मार्च के आखिर में श्रावस्ती में 502 और प्रयागराज में 2688 बंदी क्षमता का जिला कारागार बनकर तैयार हो जाएगा।
उत्तर प्रदेश
दो दिवसीय दौरे पर अयोध्या पहुंचे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, परिवार संग किए रामलला के दर्शन
नई दिल्ली। दो दिवसीय दौरे पर अयोध्या पहुंचे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को अपने परिवार के साथ रामलला के दर्शन किए। इस दौरान पूर्व राष्ट्रपति मंदिर परिसर में करीब डेढ़ घंटे तक रहे। उन्होंने राम मंदिर निर्माण सहित पूरे परिसर को देखा। इस दो दिवसीय यात्रा में करीब 80 लोगों को समूह उनके साथ है।
उनकी अगवानी के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय पहले से मंदिर परिसर में थे। पूर्व राष्ट्रपति रामलला के दर्शन-पूजन के बाद कुबेर टीला भी गये और पक्षिराज जटायु की विशाल प्रतिमा के समक्ष श्रद्धापूर्वक नतमस्तक हुए। पूर्व राष्ट्रपति कोविंद शुक्रवार दोपहर बाद ही परिवारजनों के साथ रामनगरी पहुंच गए थे। पहले से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार वह वंदे भारत ट्रेन से परिवार समेत अयोध्या पहुंचे। अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन से सभी जैन मंदिर पहुंचे। इसके बाद पूरे परिवार के साथ पूर्व राष्ट्रपति मां सरयू के तट पर दर्शन-पूजन के लिए पहुंचे। उन्होंने सरयू की आरती उतारी। फिर हनुमान जी के दरबार पहुंचकर दर्शन किये।
पत्रकारों से बातचीत में पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि सरयू आरती में भाग लेना अपने आप में एक दिव्य अनुभूति है। ऐसा लगता है कि हम 500 वर्ष पूर्व के कालखंड में पहुंच गये हैं। सरयू की कृपा और बहुत सारे कारणों से राम मंदिर का निर्माण संभव हो सका है। जैन मंदिर के व्यवस्थापक विजय कुमार जैन ने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति की यह पूर्ण रूप से धार्मिक यात्रा है।
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