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उत्तराखंड

उत्तराखंड: जोशीमठ में और बढ़ गया भूधंसाव, फूटा पानी का नया स्रोत

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देहरादून। उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में आपदा की जद में आए जोशीमठ में भूधंसाव और बढ़ गया है। नृसिंह मंदिर मार्ग पर पानी का नया स्रोत फूट पड़ा है। वहीं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) की रिपोर्ट को केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का इंतजार है। मंत्रालय से अनुमोदन के पश्चात NDMA इसे राज्य सरकार को भेजेगा।

इसके आधार पर जोशीमठ शहर का सुरक्षित व असुरक्षित श्रेणी में वर्गीकरण, प्रभावित क्षेत्र का उपचार और प्रभावितों के पुनर्वास जैसे विषयों पर सरकार तेजी से कदम बढ़ाएगी। इसे देखते हुए राज्य सरकार को भी इसकी बेसब्री से प्रतीक्षा है।

जांच में जुटे आठ विज्ञानिक संस्थान

जोशीमठ में भूधंसाव और भवनों में दरारें पडऩे के कारणों की जांच में जुटे आठ विज्ञानिक संस्थान अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट पिछले माह के आखिर में एनडीएमए को सौंप चुके हैं। बीती 10 फरवरी को प्रधानमंत्री के सलाहकार तरुण कपूर की अध्यक्षता में हुई बैठक में एनडीएमए ने जोशीमठ को लेकर विज्ञानियों के सुझावों के आधार पर तैयार रिपोर्ट पर प्रस्तुतीकरण दिया था।

तब ये तय हुआ था कि केंद्रीय गृह मंत्रालय से अनुमोदन प्राप्त होने पर रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी जाएगी। बाद में यह रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेज दी गई थी। सूत्रों के अनुसार एनडीएमए की रिपोर्ट में जोशीमठ में आपदा के दृष्टिगत तात्कालिक, मध्यावधि और दीर्घकालीन उपायों को लेकर सुझाव दिए गए हैं।

इसमें यह भी उल्लेख है कि जोशीमठ के कौन-कौन से क्षेत्र में कहां-कहां क्या कार्य किए जाने हैं। प्रभावितों का पुनर्वास तात्कालिक, पुनर्वास स्थलों का विकास, मामूली दरार वाले भवनों की रेट्रोफिटिंग जैसे कार्य मध्यावधि योजना में शामिल किए गए हैं।

इसके अलावा विज्ञानियों  की रिपोर्ट के आधार पर प्रभावित क्षेत्र में उपचारात्मक समेत अन्य कार्यों को दीर्घकालीन योजना में रखा गया है। इसके अलावा बदरीनाथ यात्रा प्रारंभ होने से पहले व्यवस्था दुरुस्त करने और वहां हाईवे की निगरानी को तंत्र विकसित करने का सुझाव भी दिया गया है।

सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय में रिपोर्ट पर मंथन चल रहा है। अब सोमवार अथवा मंगलवार को गृह मंत्रालय इस पर चर्चा के लिए एनडीएमए के प्रतिनिधियों को बुला सकता है। मंत्रालय से मिलने वाले दिशा-निर्देशों के बाद एनडीएमए अपनी रिपोर्ट राज्य को भेजेगा।

महत्वपूर्ण होगी यह रिपोर्ट

एनडीएमए से प्राप्त होने वाली रिपोर्ट काफी महत्वपूर्ण होगी। इससे जोशीमठ बचाने की दिशा और दशा तय होगी। इसके आधार पर सरकार की ओर से केंद्र को भेजे जाने वाले जोशीमठ राहत पैकेज का आकार भी तय होना है। उधर, सचिव आपदा प्रबंधन डा रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि एनडीएमए की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।

उत्तराखंड

चारधाम यात्रा में 31 मई तक VIP दर्शन पर रोक, ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन 19 मई तक बंद

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हरिद्वार। अगर आप भी चारधाम यात्रा पर जा रहे हैं तो ये खबर आपके लिए काफी अहम है। चारधाम यात्रा में VIP दर्शन व्यवस्था पर रोक लगा दी गई है। लोग 31 मई तक VIP सिस्टम के तहत दर्शन नहीं कर पाएंगे। वहीं ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन भी 19 मई तक बंद रहेंगे। खराब मौसम और श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।

चार धाम यात्रा 10 मई को शुरू हुई थी। छह दिन में ही देश-विदेश के 3,34,732 श्रद्धालु इनके दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं। उत्तराखंड सरकार ने यात्रा के लिए 25 अप्रैल से चारधामों के लिए पंजीकरण शुरू किया और गुरुवार तक 27 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पंजीकरण हो गए।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने पत्र जारी कर 31 मई तक वीआईपी दर्शन पर रोक लगा दी है। यह भी कहा है कि धामों में सुगम दर्शन के लिए सरकार ने श्रद्धालुओं का पंजीकरण अनिवार्य किया है। अब दर्शन उसी दिन होंगे जिस तिथि का पंजीकरण किया गया है। इससे पहले 30 अप्रैल को राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर 25 मई तक वीआईपी दर्शन की व्यवस्था पर रोके जाने का आदेश दिया था।

50 मीटर में रील्स बनाने पर प्रतिबंध

उत्तराखंड सरकार ने भीड़ प्रबंधन की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इसमें 50 मीटर के दायरे में चारों धामों के मंदिर के परिसर में रील्स बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही सोशल मीडिया लाइव आदि पर भी रोक लगा दी गई है। सरकार ने कहा है कि कुछ यात्रियों द्वारा मंदिर परिसर में वीडियो एवं रील बनायी जाती है और उन्हें देखने के लिए एक स्थान पर भीड़ एकत्रित हो जाती है जिससे श्रद्धालुओं को दर्शन करने में असुविधा होती है ।

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