उत्तराखंड
Joshimath Sinking: प्रभावितों को शिफ्ट करने के CM ने दिए निर्देश, सरकार देगी किराया
देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ भू-धंसाव (Joshimath Sinking) के कारण अति संवेदनशील (डेंजर जोन) वाले क्षेत्रों में बने भवनों को तत्काल खाली कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रभावितों को आश्वस्त किया कि सरकार उनके साथ खड़ी है और चरणबद्ध ढंग से संवेदनशील जगहों से सबको शिफ्ट किया जाएगा।
मुख्यमंत्री राज्य सचिवालय में जोशीमठ में हो रहे भूस्खलन से पैदा हुए हालात की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में CM धामी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जोशीमठ गए विशेषज्ञ दल के सदस्यों से भी जुड़े। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सुरक्षित स्थान पर एक बड़ा अस्थायी पुनर्वास केंद्र बनाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि तात्कालिक एक्शन प्लान के साथ ही दीर्घकालीन कार्यों में भी लंबी प्रक्रिया को समाप्त करते हुए डेंजर जोन के ट्रीटमेंट, सीवर तथा ड्रेनेज जैसे कार्य जल्द से जल्द पूरे किए जाएं। इसमें सरलीकरण तथा त्वरित कार्रवाई ही हमारा सबसे बड़ा मूलमंत्र होना चाहिए। जोशीमठ मामले पर जल्द से जल्द हमारी कार्ययोजना बिल्कुल तय होनी चाहिए। हमारे लिए नागरिकों का जीवन सबसे अमूल्य है।
मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन, आयुक्त गढ़वाल मंडल और जिलाधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट प्राप्त कर निर्देश दिए कि चिकित्सा उपचार की सभी सुविधाओं की उपलब्धता रहे। जरूरी होने पर एयर लिफ्ट कर सकें, इसकी भी तैयारी हो।
CM धामी ने कहा कि इस बात का ख्याल रहे कि ऐसे समय में प्रभावितों की आजीविका प्रभावित न हो। लोगों की आपदा मद से जो भी मदद हो सकती है, की जाए। तात्कालिक महत्व के कार्यों के लिए आपदा प्रबंधन नियमों का पालन करने की व्यवस्था बनाई जाए।
छह माह तक किराया देगी सरकार
जोशीमठ भू-धंसाव की वजह से बेघर हुए लोगों को सरकार छह महीने तक चार हजार रुपये प्रतिमाह किराए के रूप में भुगतान करेगी। जिला प्रशासन ने इसकी शुरुआत कर दी है।
दरअसल, राज्य सरकार ने दो सितंबर 2020 को एक आदेश जारी किया था, जिसके तहत बेघर हुए लोगों को किराये के मकान में रहने के लिए चार हजार रुपये प्रति परिवार की दर से छह माह तक मुख्यमंत्री राहत कोष से देने का निर्णय लिया गया था।
इसी आधार पर चमोली के डीएम हिमांशु खुराना ने सचिव आपदा प्रबंधन को पत्र भेजकर सीएम राहत कोष से भुगतान कराने की स्वीकृति मांगी थी। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ.रंजीत सिन्हा ने बताया कि नियमानुसार जिला प्रशासन ने राशि का भुगतान शुरू कर दिया है।
मुख्यमंत्री इन 10 निर्देशों पर तत्काल अमल करने को कहा
- डेंजर जोन वाले क्षेत्र को तत्काल खाली करवाया जाए।
- तत्काल सुरक्षित स्थान पर अस्थायी पुनर्वास केंद्र बनाया जाए।
- जोशीमठ में सेक्टर और जोनल वार योजना बनाई जाए।
- जोशीमठ में अविलंब आपदा कंट्रोल रूम स्थापित किया जाए
- स्थायी पुनर्वास के लिए पीपलकोटी, गौचर सहित अन्य स्थानों पर जगह तलाशें।
- कम प्रभावित क्षेत्रों में भी तत्काल ड्रेनेज प्लान तैयार कर काम शुरू करें।
- सहायता शिविरों में सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराएं।
- जिलाधिकारी और प्रशासन स्थानीय लोगों से निरंतर संपर्क में रहे।
- अन्य डेंजर जोन भी चिन्हित करें, समय पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाएं।
- सेटेलाइट इमेज भी उपयोगी हो सकती हैं, इन्हें देखा जाए।
SDRF व NDRF अलर्ट पर रहे
सीएम ने प्रभावितों की मदद के लिए एसडीआरएफ तथा एनडीआरएफ को अलर्ट पर रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर हेली सेवा की उपलब्धता सुनिश्चित हो। मानसून से पहले जोशीमठ में सीवरेज ड्रेनेज आदि के कार्य पूरे कर लिए जाएं।
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उत्तराखंड
चारधाम यात्रा में 31 मई तक VIP दर्शन पर रोक, ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन 19 मई तक बंद
हरिद्वार। अगर आप भी चारधाम यात्रा पर जा रहे हैं तो ये खबर आपके लिए काफी अहम है। चारधाम यात्रा में VIP दर्शन व्यवस्था पर रोक लगा दी गई है। लोग 31 मई तक VIP सिस्टम के तहत दर्शन नहीं कर पाएंगे। वहीं ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन भी 19 मई तक बंद रहेंगे। खराब मौसम और श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
चार धाम यात्रा 10 मई को शुरू हुई थी। छह दिन में ही देश-विदेश के 3,34,732 श्रद्धालु इनके दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं। उत्तराखंड सरकार ने यात्रा के लिए 25 अप्रैल से चारधामों के लिए पंजीकरण शुरू किया और गुरुवार तक 27 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पंजीकरण हो गए।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने पत्र जारी कर 31 मई तक वीआईपी दर्शन पर रोक लगा दी है। यह भी कहा है कि धामों में सुगम दर्शन के लिए सरकार ने श्रद्धालुओं का पंजीकरण अनिवार्य किया है। अब दर्शन उसी दिन होंगे जिस तिथि का पंजीकरण किया गया है। इससे पहले 30 अप्रैल को राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर 25 मई तक वीआईपी दर्शन की व्यवस्था पर रोके जाने का आदेश दिया था।
50 मीटर में रील्स बनाने पर प्रतिबंध
उत्तराखंड सरकार ने भीड़ प्रबंधन की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इसमें 50 मीटर के दायरे में चारों धामों के मंदिर के परिसर में रील्स बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही सोशल मीडिया लाइव आदि पर भी रोक लगा दी गई है। सरकार ने कहा है कि कुछ यात्रियों द्वारा मंदिर परिसर में वीडियो एवं रील बनायी जाती है और उन्हें देखने के लिए एक स्थान पर भीड़ एकत्रित हो जाती है जिससे श्रद्धालुओं को दर्शन करने में असुविधा होती है ।
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