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उत्तराखंड

उत्तराखंड सरकार उठाएगी ऋषभ पंत के इलाज का खर्च, सीएम धामी ने की जल्द ठीक होने की कामना

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देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि सड़क दुर्घटना में घायल हुए क्रिकेटर ऋषभ पंत के इलाज में होने वाले खर्च का वहन राज्य सरकार करेगी। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को उनके समुचित इलाज की सभी संभव व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने ऋषभ पंत के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए कहा कि उनके इलाज का सारा व्यय राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। अगर एयर एम्बुलेंस की आवश्यकता होती है तो उसकी भी व्यवस्था की जाएगी।

बताया जा रहा है कि भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत दिल्ली से रुड़की जा रहे थे। उसी वक्त उनकी कार अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकराई और दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इसके बाद 108 की मदद से उपचार के लिए ऋषभ पंत को रुड़की के सिविल अस्पताल भेजा गया। यह घटना आज सुबह करीब 5.15 मिनट की बताई जा रही है। यह हादसा मंगलौर कोतवाली क्षेत्र के एनएच 58 पर हुआ। प्राथमिक उपचार के बाद पंत को सरकारी अस्पताल से प्राइवेट हॉस्पिटल में शिफ्ट कर दिया गया है।

ताजा जानकारी के मुताबिक क्रिकेटर ऋषभ पंत रुड़की से देहरादून रेफर कर दिए गए हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ ऋषभ पंत की बीएमडब्ल्यू कार दिल्ली-देहरादून राजमार्ग पर सड़क के डिवाइडर से टकरा गई, जिसके चलते यह हादसा हुआ। ऋषभ पंत के करीबी सूत्रों ने बताया कि, रुड़की में अपने घर जा रहे क्रिकेटर को दुर्घटना के बाद स्थानीय अस्पताल ले जाया गया। उन्होंने बताया कि पंत के सिर, पीठ और पैरों में चोट आई हैं, लेकिन उनकी हालत स्थिर है। सूत्र ने आगे यह भी कहा कि, जब कार दिल्ली नरसन बॉर्डर पर डिवाइडर से टकराई तब पंत खुद गाड़ी चला रहे थे। उन्हें तुरंत दिल्ली रोड स्थित सक्षम अस्पताल ले जाया गया, लेकिन आगे के इलाज के लिए उन्हें मैक्स अस्पताल ले जाया जाएगा।

उत्तराखंड

चारधाम यात्रा में 31 मई तक VIP दर्शन पर रोक, ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन 19 मई तक बंद

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हरिद्वार। अगर आप भी चारधाम यात्रा पर जा रहे हैं तो ये खबर आपके लिए काफी अहम है। चारधाम यात्रा में VIP दर्शन व्यवस्था पर रोक लगा दी गई है। लोग 31 मई तक VIP सिस्टम के तहत दर्शन नहीं कर पाएंगे। वहीं ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन भी 19 मई तक बंद रहेंगे। खराब मौसम और श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।

चार धाम यात्रा 10 मई को शुरू हुई थी। छह दिन में ही देश-विदेश के 3,34,732 श्रद्धालु इनके दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं। उत्तराखंड सरकार ने यात्रा के लिए 25 अप्रैल से चारधामों के लिए पंजीकरण शुरू किया और गुरुवार तक 27 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पंजीकरण हो गए।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने पत्र जारी कर 31 मई तक वीआईपी दर्शन पर रोक लगा दी है। यह भी कहा है कि धामों में सुगम दर्शन के लिए सरकार ने श्रद्धालुओं का पंजीकरण अनिवार्य किया है। अब दर्शन उसी दिन होंगे जिस तिथि का पंजीकरण किया गया है। इससे पहले 30 अप्रैल को राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर 25 मई तक वीआईपी दर्शन की व्यवस्था पर रोके जाने का आदेश दिया था।

50 मीटर में रील्स बनाने पर प्रतिबंध

उत्तराखंड सरकार ने भीड़ प्रबंधन की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इसमें 50 मीटर के दायरे में चारों धामों के मंदिर के परिसर में रील्स बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही सोशल मीडिया लाइव आदि पर भी रोक लगा दी गई है। सरकार ने कहा है कि कुछ यात्रियों द्वारा मंदिर परिसर में वीडियो एवं रील बनायी जाती है और उन्हें देखने के लिए एक स्थान पर भीड़ एकत्रित हो जाती है जिससे श्रद्धालुओं को दर्शन करने में असुविधा होती है ।

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