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देश के सीमावर्ती क्षेत्र अब विवादों के बॉर्डर नहीं, विकास के कॉरिडोर: पीएम मोदी

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PM Modi in north east

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शिलांग। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रविवार सुबह मेघालय की राजधानी शिलांग पहुंचे और यहां उत्तर-पूर्व परिषद की 50वीं वर्षगांठ पर स्वर्ण जयंती समारोह में शामिल हुए। पीएम मोदी यहां पारंपरिक वेशभूषा में दिखे। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि खेलों को लेकर केंद्र सरकार आज नई सोच के साथ आगे बढ़ रही है। इसका लाभ पूर्वोत्तर के युवाओं को मिला है। देश की पहली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी पूर्वोत्तर में है।

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प्रधानमंत्री ने कहा, फुटबॉल में अगर कोई खिलाड़ी खेल भावना से नहीं खेलता तो उसे रेड कार्ड दिखाकर बाहर कर दिया जाता है। ऐसे ही पिछले 8 वर्षों में हमने पूर्वोत्तर के विकास के रास्ते में अनेक रुकावटों को रेड कार्ड दिखा दिया।

उन्होंने कहा कि डिजिटल कनेक्टिविटी से सिर्फ बातचीत, संवाद ही बेहतर नहीं होता। बल्कि इससे टूरिज्म से लेकर टेक्नॉलॉजी तक, शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य तक, हर क्षेत्र में सुविधाएं बढ़ती हैं, अवसर बढ़ते हैं।

पूर्वोत्तर सुरक्षा और समृद्धि का गेटवे

पीएम मोदी ने कहा कि लंबे समय तक जिन दलों की सरकारें रहीं, उनकी पूर्वोत्तर के लिए विभाजन की सोच थी और हम विभाजन को दूर करने का इरादा लेकर आए हैं। अलग-अलग समुदाय हो या फिर अलग-अलग क्षेत्र, हम हर प्रकार के विभाजन को दूर कर रहे हैं।

पीएम ने कहा कि हमारे लिए पूर्वोत्तर बॉर्डर एरिया या आखिरी छोर नहीं बल्कि सुरक्षा और समृद्धि के गेटवे हैं। राष्ट्र की सुरक्षा भी यहीं से सुनिश्चित होती है और दूसरे देशों से व्यापार भी यहीं से होता है।

विपक्ष पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 2014 से पहले यहां योजनाओं के लिए सिर्फ फीते काटे जाते रहे। हमने पूर्वोत्तर के विकास पर सात लाख करोड़ खर्च किए। हम पूर्वोत्तर का पूरी ईमानदारी से विकास कर रहे हैं। हम विकास मॉडल बना रहे हैं। हमने पूर्वोत्तर में वोट बैंक की राजनीति खत्म की है।आज पूर्वोत्तर को सस्ती हवाई सेवा का मौका मिल रहा है।

वाइब्रेंट बॉर्डर विलेज बनाएगी सरकार

उन्होंने कहा कि लंबे समय तक देश में ये सोच रही है कि बॉर्डर एरिया में विकास होगा, कनेक्टटिविटी बढ़ेगी तो दुश्मन को फायदा होगा। पहले की सरकारों की इसी सोच के कारण पूर्वोत्तर समेत देश के सभी सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बेहतर नहीं हो पाई। अब विवादों का बॉर्डर नहीं, विकास का कॉरिडोर है। आज डंके की चोट पर बॉर्डर पर नई सड़कें, नई टनल, नए पुल, नई रेल लाइन, नए एयर स्ट्रिप बनाने का काम तेजी से चल रहा है। जो सीमावर्ती गांव कभी वीरान हुआ करते थे, हम उन्हें वाइब्रेंट बनाने में जुटे हैं। हम वाइब्रेंट बॉर्डर विलेज बनाएंगे।

अमित शाह का बयान

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी उत्तर-पूर्व परिषद के स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि अब हर 15 दिन में एक मंत्री नॉर्थ ईस्ट का दौरा करते हैं और नरेंद्र मोदी ने पीएम बनने के बाद 50 से ज्यादा बार इस क्षेत्र का दौरा किया है। DONER (पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास) का गठन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था और अब पीएम मोदी ने सुनिश्चित किया कि सभी बड़ी परियोजनाएं समय पर पूरी हों।

पीएम मोदी अपनी मेघालय-त्रिपुरा की यात्रा के दौरान 6,800 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और उनका शिलान्यास करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि इन परियोजनाओं में आवास, सड़क, कृषि, दूरसंचार, सूचना प्रौद्योगिकी, पर्यटन और आतिथ्य सहित विभिन्न क्षेत्रों की परियोजनाएं शामिल हैं। इसके अलावा अगरतला में मोदी ‘प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी और ग्रामीण’ के तहत दो लाख से अधिक लाभार्थियों के लिए ‘गृह प्रवेश’ कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे।

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पंजाब में दो मालगाड़ियां आपस में टकराई, दूसरे ट्रैक पर आ रही पैसेंजर ट्रेन को चपेट में लिया, बड़ा हादसा टला

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अमृतसर। पंजाब के सरहिंद में रविवार की सुबह एक बड़ा हादसा हो गया। सरहिंद के माधोपुर के पास सुबह करीब 3:30 बजे दो मालगाड़ियां आपस में टकरा गईं, इनमें से एक का इंजन पलट गया और साइड ट्रैक से गुजर रही पैसेंजर ट्रेन से टकरा गया। इस हादसे में मालगाड़ी के दो लोको पायलट घायल हो गए। उन्हें पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में रेफर कर दिया गया।

यह दुर्घटना पिछले साल ओडिशा के बालासोर में हुए हादसे से मिलती जुलती है। उस हादसे में एक दूसरी ट्रेन आकर रेलवे ट्रैक पर पहले से खड़ी ट्रेन से टकरा गई थी। इस टक्कर में पास से गुजर रही एक तीसरी ट्रेन भी इसकी चपेट में आ गई। ओडिशा रेल हादसे में 293 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। श्री फतेहगढ़ साहिब में हुए इस हादसे की रूपरेखा कुछ-वैसी ही है। हालांकि ट्रेनों की गति धीमी होने के कारण बड़ा हादसा होते होते रह गया।

दरअसल मालगाड़ियों के लिए बनाए गए डीएफसीसी ट्रैक पर कोयले से लोडेड 2 मालगाड़ियां खड़ी थीं। इन मालगाड़ियों को रोपड़ की तरफ जाना था। लेकिन रविवार की सुबह अचानक मालगाड़ी का इंजन खुलकर दूसरी गाड़ी से टकरा गया। इंजन पलटकर अंबाला से जम्मू तवी की ओर जा रही पैसेंजर गाड़ी में फंस गया. जिससे पैसेंजर गाड़ी समर स्पेशल को भी नुकसान पहुंचा। हादसे के बाद समर स्पेशल गाड़ी को दूसरा इंजन लगाकर राजपुरा भेजा गया। वहीं अब ट्रैक को ठीक करने का काम जारी है। रेलवे के कर्मचारी मौके पर ट्रैक को ठीक करने में जुटे हुए हैं।

हादसे का शिकार हुए दोनों लोको पायलट उतरप्रदेश के सहारनपुर जिले के रहने वाले हैं। उनकी पहचान विकास कुमार और हिमांशु कुमार के रुप में हुई है। इंजन के शीशे तोड़कर दोनों लोको पायलट को बाहर निकाला गया। जिसके बाद उन्हें एंबुलेंस की मदद से सिविल अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उनकी गंभीर हालत को देखते हुए पटियाला के राजिंद्रा अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। ई है.

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