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MCD में चला ‘झाडू’, भाजपा भी 100 के पार; कांग्रेस का बुरा हाल
नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम (MCD) में आम आदमी पार्टी को बहुमत मिल गया है। पार्टी ने निगम की 250 में से 134 सीटों पर जीत दर्ज की है। डेढ़ दशक से MCD में काबिज बीजेपी सत्ता से बाहर हो गई है। बीजेपी ने 103 सीटों पर जीत दर्ज की है जबकि कांग्रेस 10 सीटों पर सिमट गई है। निर्दलीय को 3 सीटों पर जीत मिली है।
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आप को बहुमत, पर डिप्टी सीएम व सत्येंद्र जैन के क्षेत्रों में करारी हार
दिल्ली नगर निगम चुनाव की तस्वीर अब साफ हो गई है। आम आदमी पार्टी ने एमसीडी चुनाव में बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। भारतीय जनता पार्टी से 15 साल की सत्ता छिन गई। हालांकि, दिल्ली सरकार के कई बड़े मंत्री अपने क्षेत्रों के वार्डों को नहीं जिता पाए।
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और जेल में बंद मंत्री सत्येंद्र जैन के विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी को जीत नहीं नसीब हुई। मनीष सिसोदिया के पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र के चार में से तीन वार्डों पर भाजपा का कब्ज़ा हुआ है जबकि सत्येंद्र जैन के शकूर बस्ती विधानसभा क्षेत्र में आने वाले तीनों वार्ड में भी भाजपा को जीत मिली है।
किसके लिए अच्छी खबर, किसके लिए झटका?
जाहिर तौर पर इस चुनाव में आम आदमी पार्टी को फायदा और भाजपा को नुकसान हुआ है। भाजपा यहां 2007 से लगातार जीत रही थी। 15 साल से एमसीडी पर उसका राज था। 2002 में यहां कांग्रेस जीती थी, लेकिन उससे पहले 1997 में भी यहां भाजपा को जीत मिली थी। इस चुनाव में दिल्ली के मतदाताओं ने भाजपा को बहुमत हासिल करने से रोक दिया।
आम आदमी पार्टी के लिए यह अच्छी खबर इसलिए है क्योंकि अब तक वह सिर्फ विधानसभा में मजबूत थी। तीन बार से एमसीडी और दो बार से लोकसभा चुनाव में भाजपा ही मजबूत नजर आती थी। अब 15 साल बाद एमसीडी भाजपा के हाथ से फिसल गया है।
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नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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