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एक और युद्ध की आहट! NORTH KOREA ने सीमा पर तैनात किए 180 लड़ाकू विमान

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kim jong un

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सिओल/प्योंगयांग। दक्षिण और उत्तर कोरिया (NORTH KOREA) एक बार फिर युद्ध के मुहाने पर खड़े हैं। दक्षिण कोरिया की सेना ने कहा कि उसके पड़ोसी देश उत्तर कोरिया ने उसकी सीमा पर करीब 180 लड़ाकू विमान भेजे। दक्षिण कोरिया ने 180 उत्तर कोरियाई युद्धक विमानों का पता लगने के बाद अपने लड़ाकू विमानों को मैदान में उतार दिया।

दक्षिण कोरियाई सेना ने एक बयान में कहा, उत्तर कोरियाई विमान ने तथाकथित सामरिक माप रेखा के उत्तर में उड़ान भरी। उत्तर कोरिया के जवाब में दक्षिण कोरिया ने F-35A स्टील्थ फाइटर्स सहित 80 विमानों को उतारा।

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सेना ने कहा कि अमेरिका के साथ विजिलेंट स्टॉर्म हवाई अभ्यास में भाग लेने वाले लगभग 240 विमानों ने अपना अभ्यास जारी रखा है। बताया जा रहा है कि किम जोंग उन इसी अभ्यास के खिलाफ हैं और इसीलिए दक्षिण कोरिया को धमका रहे हैं।

वैसे ये पहला मौका नहीं है जब तानाशाह किंम जोंग उन ने अपने विमानों को दक्षिण कोरियाई सीमा के पास भेजा है। इससे पहले पिछले महीने 10 उत्तर कोरियाई युद्धक विमान सीमा के पास आए थे जिसके बाद दक्षिण कोरिया को भी अपने विमान उड़ाने पड़े।

उत्तर कोरिया के विमान ऐसे समय में दक्षिण कोरिया की सीमा के पास से उड़ान भर रहे हैं जब किम जोंग उन एक के बाद एक कई मिसाइल टेस्ट कर रहे हैं। जापान ने दावा किया है कि उत्तर कोरिया ने गुरुवार को कम से कम एक और मिसाइल समुद्र में दागी हैं जिसे मिलाकर वह एक दिन में कम से कम चार मिसाइल दाग चुका है।

किम जोंग उन पिछले तीन दिनों में कम से कम 80 मिसाइलें दाग चुके हैं। उत्तर कोरिया की ओर से हथियारों के परीक्षण के जवाब में अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने बड़े पैमाने पर हवाई युद्धाभ्यास करने की घोषणा की थी। उत्तर कोरिया ने इसका जवाब देने की चेतावनी दी थी जिसके बाद बृहस्पतिवार रात को यह परीक्षण किया गया।

रूस को गुप्त रूप से गोला-बारूद भेज रहा है उत्तर कोरिया : व्हाइट हाउस

अमेरिका ने बुधवार को आरोप लगाया कि उत्तर कोरिया “बड़ी संख्या” में तोप के गोलों की आपूर्ति रूस को कर रहा है जिससे उसे यूक्रेन के खिलाफ जंग में मदद मिले। ‘नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल’ के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि अमेरिका का मानना है कि उत्तर कोरिया “यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि उन्हें मध्य पूर्व या उत्तरी अफ्रीका के देशों में भेजा जा रहा है।”

उन्होंने रूसी प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए भेजे जा रहे गोला-बारूद की मात्रा पर एक विशिष्ट अनुमान देने से इनकार कर दिया। किर्बी ने कहा कि उत्तर कोरिया रूस को “गुप्त रूप से” गोला-बारूद की आपूर्ति कर रहा है, लेकिन “हम अभी यह निर्धारित करने के लिए निगरानी कर रहे हैं कि शिपमेंट (खेप) वास्तव में प्राप्त हुई है या नहीं।”

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इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक पीएम मोदी ने जताया शोक, कहा- दुःख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक जताया है। इब्राहिम रईसी की रविवार को को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी। पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति डॉ. सैयद इब्राहिम रायसी के निधन से मुझे गहरा दुख और सदमा लगा है। भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके परिवार और ईरान के लोगों के प्रति मेरी संवेदना है। दुख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है।

बता दें कि अजरबैजान के घने और पहाड़ी इलाके में रविवार को राष्ट्रपति का विमान क्रैश हो गया था। इसके बाद ईरान की सेना ने हेलीकॉप्टर की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, जिसमें विमान का मलबा मिल गया। हालांकि, दुर्घटनास्थल पर जीवन के कोई संकेत नहीं मिले हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद राष्ट्रपति रईसी के जीवित होने की उम्मीदें न के बराबर हैं।

बता दें कि अजरबैजान के जंगल में खराब मौसम की वजह से इब्राहिम रईसी के विमान की आपात लैंडिंग कराई गई थी, जिससे हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद ईरान की जांच एजेंसियों को विमान का मलबा मिला। इसके बाद ईरानी मीडिया ने हेलीकॉप्टर हादसे में राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की मौत की पुष्टि की। ईरानी रेड क्रिसेंट प्रमुख ने बताया कि बचाव टीमें दुर्घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं। इस हादसे में विमान का पूरा केबिन जलकर राख हो गया, जिसमें किसी के जिंदा होने के निशान नहीं मिले हैं। इस बीच ईरानी न्यूज एजेंसी ने बताया कि हादसे में किसी के बचने की कोई उम्मीद नहीं है, क्योंकि राष्ट्रपति का चॉपर पूरी तरह से तबाह हो गया।

ईरान के प्रेस टीवी के अनुसार, रेस्क्यू दल ने ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर का पता लगा लिया है। दुर्घटनास्थल पर किसी भी जीवित व्यक्ति का कोई सुराग नहीं मिला है। आपको बता दें कि राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी पूर्वी अजरबैजान के दौरे गए थे। वे अपने विमान से राजधानी तेहरान लौट रहे थे, तभी उत्तर-पश्चिम में अजरबैजान देश की सीमा से सटे जुल्फा शहर के पास हादसा हो गया। उनके साथ हेलीकॉप्टर में विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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