अन्तर्राष्ट्रीय
‘भूमध्य सागर में खोजी अभियान मजबूत करने की जरूरत’
संयुक्त राष्ट्र| संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून ने लीबिया के तट से दूर लगभग 700 प्रवासियों से भरी नौका डूब जाने की घटना के बाद, भूमध्य सागर में मजबूत खोज एवं बचाव क्षमता को सुनिश्चित करने के लिए ‘व्यापक और सामूहिक’ प्रयास करने का आह्वान किया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रपट के मुताबिक, बान के प्रवक्ता ने बयान जारी कर बताया, “महासचिव, लीबिया के तट पर 700 प्रवासियों से भरी जहाज के डूबने की खबर से बहुत हैरान और दुखी हैं।”
बयान के मुताबिक, पिछले सप्ताह भी ऐसा ही एक और हादसा हुआ था, जिसमें सैकड़ों प्रवासियों और शरणार्थियों के मारे जाने की खबर मिली थी।
बयान में कहा गया, “ये खबरें भूमध्य सागर में खोज एवं बचाव क्षमता को तत्काल मजबूत करने की जरूरत याद दिलाती हैं।”
इटली के सिसली द्वीप में शनिवार रात 700 प्रवासियों के डूबने की आशंका है। सिसली भूमध्य सागर में लीबिया के उत्तरी दिशा में स्थित है।
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग के मुताबिक, दुर्घटनाग्रस्त जहाज में सवार लगभग 700 लोगों में से 50 लोगों को ही बचाया जा सका है।
इस साल कम से कम 2,18,000 प्रवासियों ने दक्षिणी सीमा से यूरोप में प्रवेश करने की कोशिश की है, जिनमें 3,500 लोगों की मौत हो गई।
इधर, बयान में कहा गया, “महासचिव यूरोपीय संघ (ईयू) के सदस्यों द्वारा अपनी सीमाओं के भीतर शरण की मांग करने वाले शरणार्थियों की दुर्दशा पर ध्यान देने को लेकर चल रहे प्रयास को तेज करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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