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अन्तर्राष्ट्रीय

पुतिन का आक्रामक अंदाज- हमारी बात हल्के में न लें, कुछ भी कर सकते हैं

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मास्को। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का अंदाज एक बार फिर आक्रामक हो गया है। उन्होंने रूस में सेना के मोबिलाइजेशन का आदेश दिया है। उन्होंने पश्चिमी देशों को चेतावनी देते हुए कहा कि हमारी बात को हल्के में न लें। पुतिन ने कहा कि हम रूस की रक्षा के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार हैं। पुतिन ने फिलहाल 3 लाख अतिरिक्त सैनिकों के मूवमेंट का आदेश दिया है।

आज बुधवार को व्लादिमीर पुतिन ने टीवी पर प्रसारित भाषण में यह बात कही। इससे पहले मंगलवार को ही खबर आई थी कि यूक्रेन के पूर्वी और दक्षिणी हिस्से में रूस रेफरेंडम की तैयारी कर रहा है। रूस की इस तैयारी का पश्चिमी देशों ने विरोध किया था और कहा था कि ऐसा करने से तनाव बढ़ेगा।

दरअसल रूस ने 4 क्षेत्रों को मिलाने की योजना बनाई है और उसके तहत रेफरेंडम का प्लान बनाया है। शुक्रवार से लुहान्सक, खेरसन और दोनेत्सक समेत 4 प्रांतों में रेफरेंडम की शुरुआत होनी है। कहा जा रहा है कि रूस के इशारे पर यह रेफरेंडम हो रहा है और उसके बाद इन प्रांतों को कब्जाने की ओर से रूस कदम बढ़ा सकता है।

इस बीच पुतिन ने पश्चिमी देशों पर आरोप लगाया कि वह न्यूक्लियर ब्लैकममेल कर रहा है। उन्होंने कहा कि नाटो देशों के नेताओं ने जिस तरह से न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग करने वाले बयान दिए हैं, उससे पता चलता है कि वे रूस के खिलाफ परमाणु हथियारों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

व्लादिमीर पुतिन ने पश्चिमी देशों को चेतावनी देते हुए कहा, ‘जो लोग रूस के खिलाफ इस तरह के बयानों को बढ़ावा दे रहे हैं, उन्हें यह याद रखना चाहिए कि रूस के पास भी नाटो देशों से निपटने के लिए सभी जरूरी चीजें मौजूद हैं। हमारे देश की एकता और अखंडता पर जब भी कोई खतरा पैदा होगा तो फिर हम अपनी पूरी शक्ति का इस्तेमाल करेंगे।’

पुतिन ने कहा कि हमारी इस चेतावनी को किसी को भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। इस बीच बुधवार से ही पुतिन ने मिलिट्री मोबिलाइजेनश का आदेश दे दिया है। इसके तहत उन नागरिकों को तैयार किया जाएगा, जिनके पास कोई सैन्य प्रशिक्षण रहा है।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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