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शिवसेना पर कब्ज़े को लेकर आज नहीं पूरी हो सकी सुनवाई, अब कल पेश होंगी दलीलें

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एकनाथ शिंदे

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नई दिल्ली। शिवसेना के दो गुट (एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे) होने के बाद भाजपा के सहयोग से एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन तो हो गया लेकिन पार्टी (शिवसेना) पर दावे को लेकर विवाद इतना गहराया कि मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया।

मामले में चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने आज सुनवाई की। कोर्ट में आज बुधवार को सुनवाई पूरी नहीं हो सकी और अब मामले की सुनवाई कल यानी गुरुवार को भी होगी। कल की सुनवाई में पहले एकनाथ शिंदे की ओर से वकील दलील देंगे। कल पहले नंबर पर मामले की सुनवाई होगी।

इससे पहले उद्धव ठाकरे गुट की ओर से दलील पेश करते हुए वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि आज भी शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे हैं। एकनाथ शिंदे को नई पार्टी बनानी होगी, या किसी अन्य पार्टी के साथ विलय करना होगा।

ठाकरे गुट की ओर से वकील कपिल सिब्बल की दलील

ठाकरे गुट की ओर उपस्थित वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर वे नई पार्टी बनाते हैं तो उन्हें चुनाव आयोग के समक्ष पंजीकरण कराना होगा। किसी अन्य पार्टी में विलय होने पर पंजीकरण नहीं कराना होगा लेकिन मुद्दा संतुलन का भी है। 1/3 सदस्य अभी भी पार्टी में शेष हैं। 2/3 सदस्य यह नहीं कह सकते कि हम ही पार्टी हैं।

सिब्बल ने कहा कि शिंदे ग्रुप अलग होकर दावा कर रहा है कि शिवसेना उसकी है लेकिन ऐसा नहीं है। एंटी डिफेक्शन लॉ में यह स्पष्ट है कि दो तिहाई धड़े को अलग होने पर अपनी पार्टी बनानी होगी। सरकार बनाने के लिए या किसी अन्य पार्टी में शामिल होना होगा। ऐसा नहीं कि पुरानी पार्टी उनकी हो जाएगी, क्योंकि उनकी संख्या अधिक है।

सिब्बल ने कहा कि आप जिस पार्टी से चुने गए हैं। आपको उस राजनीतिक पार्टी की बात माननी चाहिए। आप गुवाहाटी में बैठक कर रहे हैं। साथ ही कह रहे हैं कि हम ही असली राजनीतिक पार्टी हैं। आज जो किया जा रहा है वह दर्शाता है कि दसवीं अनुसूची का उपयोग दल-बदल को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है।

सिब्बल ने कहा कि अगर इसकी अनुमति दी जाती है, तो इस तरह का इस्तेमाल किसी भी बहुमत की सरकार को गिराने के लिए किया जा सकता है। क्या यही है दसवीं अनुसूची का उद्देश्य? अगर आप अयोग्य हो जाते हैं तो आप चुनाव आयोग के पास भी नहीं जा सकते।

आप आयोग में आवेदन भी नहीं कर सकते हैं। इसमें चुनाव आयोग कुछ नहीं कर सकता। अगर बागी नेता अयोग्य हो जाते हैं, तो सब कुछ अवैध हो जाएगा। सरकार का गठन, एकनाथ शिंदे का मुख्यमंत्री बनना और सरकार द्वारा लिए जा रहे फैसले भी अवैध हैं।

ठाकरे गुट के दूसरे वकील सिंघवी की दलील

वहीं ठाकरे ग्रुप के दूसरे वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि शिंदे ग्रुप न सिर्फ महाराष्ट्र में अवैध तरीके से सरकार चला रहा है बल्कि वो चुनाव आयोग तक पहुंच गए हैं। उनका कहना है कि वो असली शिवसेना हैं।

सिंघवी ने कहा अभी मामला कोर्ट में लंबित है और शिंदे ग्रुप ने चुनाव आयोग में याचिका दाखिल की जो पूरी तरह से गलत है। शिंदे गुट द्वारा अपने गलत कामों को सही ठहराने का एक ही तरीका है। ताकि आप चुनाव आयोग की कार्यवाही को तेजी से ट्रैक करें और कुछ मान्यता प्राप्त कर सकें।

एकनाथ शिंदे गुट की तरफ से हरीश साल्वे की दलील

एकनाथ शिंदे गुट के वकील हरीश साल्वे ने कहा कि दल-बदल कानून इस मामले में लागू नहीं होता। यह तब होगा जब वो पार्टी से अलग होते। इस मामले में ऐसा नहीं हुआ है। यहां इंट्रा पार्टी डिफरेंस है यानी पार्टी के भीतर का मतभेद है। कई विधायक नेतृत्व में बदलाव चाहते हैं तो इसे पार्टी विरोधी नहीं कहा जाएगा। ये अंदरूनी मतभेद है।

शिंदे गुट की तरफ से हरीश साल्वे ने कहा कि हमने शिवसेना नहीं छोड़ी है। हम अभी भी शिवसेना में हैं। उद्धव को बहुमत का समर्थन नहीं है। हमने नेता के खिलाफ आवाज उठाई है। पार्टी में बंटवारा हो चुका है। एक नेता को पार्टी नहीं माना जा सकता है। 1969 में कांग्रेस में भी यही हुआ था। बस पार्टी के दो गुट हुए हैं।

साल्वे ने कहा आज की तारीख में एक राजनीतिक दल में बंटवारा है। ये पार्टी की आंतरिक कलह है। हम पार्टी में हैं किसी दूसरी पार्टी में नहीं है। हमनें केवल नेतृत्व के खिलाफ आवाज उठाई है। हमने बस कहा कि आप नेता नहीं हो सकते। दो शिवसेना नहीं बल्कि यहां दो अलग अलग गुट हैं। जिसके दो अलग-अलग नेता हैं। दो वास्तविक पार्टी नहीं हो सकती हैं। पार्टी में केवल एक लीडरशिप हो सकती है जो हम हैं।

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग में जो कार्रवाई चल रही है। उससे अयोग्यता का कोई लेना-देना नहीं है। वो सुनवाई अलग है और यह सुनवाई अलग है। यह पार्टी का अंदरूनी मामला है। जिसमें एक ग्रुप कह रहा है कि उसे ग्रुप की लीडरशिप मंजूर नहीं।

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‘जल्द करनी पड़ेगी शादी’, राहुल गांधी ने मंच से किया एलान

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रायबरेली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी चुनाव प्रचार के लिए आज रायबरेली पहुंचे। जहां उन्होंने जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान राहुल गांधी से जनता में से किसी ने शादी को लेकर सवाल पूछा जिस पर राहुल गांधी ने कहा कि मेरी बहन प्रियंका गांधी मेरी मदद के लिए यहां अपना खून पसीना आपको दे रही है। जिस पर प्रियंका गांधी ने राहुल गांधी से शादी के सवाल की तरफ इशारा करते हुए कहा कि पहले इस सवाल का जवाब दो। जिसके जवाब में मुस्कुराते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अब जल्द ही करनी पड़ेगी।

इस दौरान राहुल गांधी ने जनसभा को संबोधित बताया कि किस वजह से वो रायबरेली से चुनाव लड़ने आएं हैं। उन्होंने कहा, ‘कुछ दिन पहले मैं मां (सोनिया गांधी) के साथ बैठा था। मैंने मां से कहा कि एक-दो साल पहले मैंने एक वीडियो में कह दिया कि मेरी दो माता थी एक सोनिया गांधी और दूसरी इंदिरा गांधी। मेरी दोनों माताओं की ये कर्म भूमि है इसलिए मैं यहां रायबरेली से चुनाव लड़ने आया हूं।

राहुल गांधी ने आगे कहा कि कांग्रेस की सरकार आते ही कर्जा माफ करना पहला काम होगा। दूसरा काम किसानो के लिए कानूनी सपोर्ट प्राइस लेके आयंगे। राहुल गांधी ने तीसरा काम गिनाते हुए कहा कि किसानो को 30 दिन के अंदर बीमा का पैसा देना तीसरा काम होगा।

राहुल गांधी ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि बीजेपी के नेताओं ने साफ कहा की अगर चुनाव जीते तो संविधान को बदल देंगे। संविधान के बिना अडानी और अंबानी की सरकार होगी। आरक्षण और आपको जो भी चीजे मिलती है वो सब खत्म हो जाएंगी। राहुल गांधी ने आगे कहा कि संविधान खत्म होने से आपका रास्ता खत्म हो जाएगा. ये लड़ाई संविधान को बचाने की है।

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