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अन्तर्राष्ट्रीय

म्यांमार: सैन्य सरकार का अमानवीय कृत्य, लोकतंत्र समर्थक चार लोगों को फांसी

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नाएप्यीडॉ। म्यांमार सरकार की सैन्य सरकार ने नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) के पूर्व सांसद, लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ता और दो अन्य लोगों को फांसी दे दी है। पिछले साल सत्ता पर सेना के कब्जे के बाद हुई हिंसा के मामले में यह कार्रवाई हुई है। म्यांमार में पिछले पांच दशक में पहली बार किसी को फांसी दी गई है।

सरकारी समाचार पत्र ‘मिरर डेली’ में इस फांसी के संबंध में जानकारी दी गई है। इसमें कहा गया है कि आतंकवादी गतिविधियों के तहत हत्या करने के कृत्यों में अमानवीय सहयोग और हिंसा करने व उसका आदेश देने के लिए चारों को फांसी की सजा दी गई। हालांकि यह नहीं बताया गया है कि फांसी कब दी गई।

‘डर के जरिए लोगों पर शासन करने का प्रयास’

सैन्य सरकार ने इस खबर की पुष्टि करते हुए संक्षिप्त बयान जारी किया, लेकिन जिस जेल में कैदियों को रखा गया था, उसने और जेल विभाग ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

वहीं, ‘राष्ट्रीय एकता सरकार’ के मानवाधिकार मंत्री आंग मायो मिन ने इन आरोपों को खारिज किया कि ये लोग हिंसा में शामिल थे। उन्होंने कहा कि उन्हें मौत की सजा देना डर के जरिए लोगों पर शासन करने का प्रयास है।

जिन लोगों को फांसी दी गई है, उनमें अपदस्थ नेता आंग सान सू ची की सरकार के पूर्व सांसद फ्यो जेया थो भी शामिल थे, जिन्हें माउंग क्वान के नाम से जाना जाता था। उन्हें विस्फोट, बमबारी और आतंकवाद के वित्तपोषण जैसे मामलों में जनवरी में दोषी ठहराया गया था।

क्वान की पत्नी थाजिन न्युंत ओंग ने कहा कि उन्हें उनके पति को फांसी दिए जाने के बारे में सूचित नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि मैं खुद इसकी पुष्टि करने की कोशिश कर रही हूं।

इन आरोपों के तहत हुई थी गिरफ्तारी

41 वर्षीय क्वान को पिछले साल नवंबर में गिरफ्तार किया गया था। वह 2007 में ‘जनरेशन वेव’ राजनीतिक आंदोलन का सदस्य बनने से पहले हिप-हॉप संगीतकार भी रहे थे। उन्हें 2008 में भी एक पूर्व सैन्य सरकार के दौरान विदेशी मुद्रा और अवैध संबंध रखने के आरोप में जेल भेज दिया गया था।

क्वान के अलावा आतंकवाद निरोधी कानून के उल्लंघन के मामले में लोकतंत्र समर्थक 53 वर्षीय क्वाव मिन यू को भी फांसी दी गई। क्वाव मिन यू को जिम्मी के नाम से भी जाना जाता था। उन्हें पिछले साल अक्टूबर में गिरफ्तार किया गया था।

इनके अलावा, सेना की मुखबिर होने के संदेह में मार्च 2021 में एक महिला का उत्पीड़न और उसकी हत्या करने के मामले में दोषी ठहराए गए ह्ला म्यो ओंग और ओंग थुरा जो को भी फांसी दी गई।

एशिया में ‘ह्यूमन राइट्स वॉच’ की कार्यवाहक निदेशक एलेन पियर्सन ने कहा कि चारों के खिलाफ यह कानूनी कार्रवाई घोर अन्यायपूर्ण और राजनीति से प्रेरित सैन्य कार्रवाई है। मानवाधिकार संबंधी मामलों के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा नियुक्त स्वतंत्र विशेषज्ञ थॉमस एंड्रयू ने इस मामले के खिलाफ कड़ी अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया दिए जाने की अपील की है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक पीएम मोदी ने जताया शोक, कहा- दुःख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक जताया है। इब्राहिम रईसी की रविवार को को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी। पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति डॉ. सैयद इब्राहिम रायसी के निधन से मुझे गहरा दुख और सदमा लगा है। भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके परिवार और ईरान के लोगों के प्रति मेरी संवेदना है। दुख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है।

बता दें कि अजरबैजान के घने और पहाड़ी इलाके में रविवार को राष्ट्रपति का विमान क्रैश हो गया था। इसके बाद ईरान की सेना ने हेलीकॉप्टर की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, जिसमें विमान का मलबा मिल गया। हालांकि, दुर्घटनास्थल पर जीवन के कोई संकेत नहीं मिले हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद राष्ट्रपति रईसी के जीवित होने की उम्मीदें न के बराबर हैं।

बता दें कि अजरबैजान के जंगल में खराब मौसम की वजह से इब्राहिम रईसी के विमान की आपात लैंडिंग कराई गई थी, जिससे हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद ईरान की जांच एजेंसियों को विमान का मलबा मिला। इसके बाद ईरानी मीडिया ने हेलीकॉप्टर हादसे में राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की मौत की पुष्टि की। ईरानी रेड क्रिसेंट प्रमुख ने बताया कि बचाव टीमें दुर्घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं। इस हादसे में विमान का पूरा केबिन जलकर राख हो गया, जिसमें किसी के जिंदा होने के निशान नहीं मिले हैं। इस बीच ईरानी न्यूज एजेंसी ने बताया कि हादसे में किसी के बचने की कोई उम्मीद नहीं है, क्योंकि राष्ट्रपति का चॉपर पूरी तरह से तबाह हो गया।

ईरान के प्रेस टीवी के अनुसार, रेस्क्यू दल ने ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर का पता लगा लिया है। दुर्घटनास्थल पर किसी भी जीवित व्यक्ति का कोई सुराग नहीं मिला है। आपको बता दें कि राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी पूर्वी अजरबैजान के दौरे गए थे। वे अपने विमान से राजधानी तेहरान लौट रहे थे, तभी उत्तर-पश्चिम में अजरबैजान देश की सीमा से सटे जुल्फा शहर के पास हादसा हो गया। उनके साथ हेलीकॉप्टर में विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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