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रामलीला मैदान में गरजे राहुल, बोले- किसानों की जमीन छीनना चाहती है मोदी सरकार

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नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने लगभग 45 दिनों की छुट्टी के बाद रविवार को अपनी पहली रैली को संबोधित करते हुए कहा कि भूमि अधिग्रहण विधेयक में बदलाव किसानों के लिए चिंता का विषय है। गांधी ने संप्रग सरकार द्वारा लाए गए भूमि अधिग्रहण विधेय 2013 के बारे में भी बात की और राजग सरकार पर अमीरों के हित में काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि लैंड बिल में बदलाव कर केंद्र सरकार किसानों को कमजोर कर रही है। उन्होंने कहा कि चुनाव में मोदी सरकार ने बड़े-बड़े उद्योगपतियों से कर्ज लिया। वे किसानों की जमीन छीनकर उद्योगपतियों को देकर ये कर्ज चुकाना चाहती है। राहुल ने आरोप लगाया कि गुजरात के बाद मोदी अब पूरे देश के किसानों की जमीन छीनने जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण विधेयक 2013 को बदल दिया गया। यह आपके लिए भी चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि बाकी उद्योग जगत कृषि के बाद ही आता है। क्योंकि कृषि ने देश की बुनियाद रखी है। उन्होंने रामलीला मैदान में किसान खेत मजदूर रैली के दौरान कहा कि केंद्र सरकार किसान और गरीब विरोधी है, क्योंकि ऐसे प्रयास कहीं नहीं दिखाई देते, जिसमें उन्होंने देश को मजबूत किया हो। गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तीन देशों की यात्रा के दौरान कहा था कि वह देश में पिछले 50 सालों से मौजूद गंदगी को साफ कर रहे हैं।

गांधी ने कहा कि मुझे यह सुनकर दुख हुआ। क्योंकि प्रधानमंत्री को देश को मजबूत बनाने में गरीबों और किसानों द्वारा किए गए अथक प्रयास दिखाई नहीं दिए। गांधी ने कहा कि मौजूदा सरकार के तहत गरीब और किसान घबराए हुए हैं। क्योंकि उन्हें नहीं पता कि अगले ही पल उनके साथ क्या होने वाला है। उन्होंने देश में संप्रग सरकार द्वारा गरीबों और किसानों के लिए किए गए कार्यो के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि यह किसानों और श्रमिकों का देश है। राहुल ने कांग्रेस को किसानों का हितैषी बताते हुए कहा कि लैंड बिल को तैयार करने में दो साल लगे। तब भाजपा ने हमारे बिल का समर्थन किया लेकिन बाद में उसमें बदल दिया।

रैली में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा कि हम राहुल गांधी के नेतृत्व में हम जरूर कामयाब होंगे। उन्होंने कहा कि किसानों को मोदी सरकार ने सब्जबाग दिखाए लेकिन किसानों के सामने भाजपा की असलियत सामने आ गई है। उन्होंने कहा कि हम लैंड बिल में कमियों का खुलासा करेंगे।

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कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

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नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

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