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मुख्य समाचार

उद्धव ठाकरे के सामने अस्तित्व का संकट, 15 सांसदों के शिंदे गुट में जाने के संकेत

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एकनाथ शिंदे

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मुंबई। महाराष्ट्र में पिछले दिनों हुए भारी सियासी उलटफेर के चलते राज्य की सत्ता गंवा चुके शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के सामने अब अपना राजनीतिक अस्तित्व बचाने की चुनौती खड़ी हो गई है।

शिवसेना के 40 विधायक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे वाले गुट के समर्थन में हैं और महज 15 ही उद्धव ठाकरे के साथ हैं। अब खबर है कि 15 सांसद भी शिंदे के साथ जा सकते हैं। बुधवार देर रात इन लोगों ने सीएम एकनाथ शिंदे से मुलाकात की है।

कहा जा रहा है कि यह मीटिंग राष्ट्रपति चुनाव के सिलसिले में हुई थी लेकिन उद्धव ठाकरे के मुश्किल वक्त में इस मीटिंग ने कयास तेज कर दिए हैं कि क्या 19 लोकसभा सांसदों में से 15 उन्हें छोड़ सकते हैं।

इनमें से एक सांसद श्रीकांत शिंदे भी हैं, जो सीएम एकनाथ शिंदे के बेटे हैं। इसके अलावा बागी सांसद भावना गवली को पहले ही शिवसेना संसदीय दल के चीफ व्हिप के पद से हटा चुकी है।

बीएमसी चुनाव में कुछ ही वक्त बचा है और उससे पहले लग रहे झटकों ने उद्धव ठाकरे की चुनौती बढ़ा दी है। ठाणे के 67 में से 66 शिवसेना पार्षद एकनाथ शिंदे के साथ जा चुके हैं। इसके अलावा कई अन्य जिलों में भी संगठन में बगावत के सुर सुनाई दे रहे हैं।

सूत्रों ने बताया कि बुधवार रात शिंदे के आवास पर हुई बैठक में शिवसेना के 19 में से 4 सांसदों को छोड़कर 15 अन्य मौजूद थे। अगर ये सांसद भी एकनाथ शिंदे का समर्थन करते हैं तो उद्धव ठाकरे का आने वाला राजनीतिक सफर और भी मुश्किल होगा। बता दें कि सांसदों के दबाव में ही शिवसेना ने राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू के समर्थन का ऐलान किया था।

कभी मातोश्री का आदेश था सर्वोपरि, अब अस्तित्व का संकट

शिवसेना सदस्य ‘मातोश्री’ यानी ठाकरे परिवार के आदेश को अंतिम मानते रहे हैं। शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे की पकड़ इसकी मिसाल थी, लेकिन उद्धव ठाकरे से एकनाथ शिंदे की बगावत ने तस्वीर उलट दी है। उन्होंने उद्धव ठाकरे को सीधी चुनौती दी है और दो तिहाई से ज्यादा विधायकों को साथ लेकर बताया है कि वह कितने मजबूत हो चुके हैं।

शिवसेना पर मजबूत हो जाएगा एकनाथ गुट का दावा

एकनाथ शिंदे गुट की ओर से लगातार दावा किया जा रहा है कि हमारी शिवसेना ही असली शिवसेना है। कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर विधायकों के बाद सांसद भी शिंदे गुट में शामिल हो जाएं तो उद्धव ठाकरे का राजनीतिक अस्तित्व हिल सकता है। उद्धव ठाकरे जहां पिछले ढाई साल से बीजेपी की आलोचना कर रहे हैं, वहीं बागी शिंदे गुट बीजेपी की मदद से राज्य में सत्ता में आया है।

नेशनल

‘जल्द करनी पड़ेगी शादी’, राहुल गांधी ने मंच से किया एलान

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रायबरेली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी चुनाव प्रचार के लिए आज रायबरेली पहुंचे। जहां उन्होंने जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान राहुल गांधी से जनता में से किसी ने शादी को लेकर सवाल पूछा जिस पर राहुल गांधी ने कहा कि मेरी बहन प्रियंका गांधी मेरी मदद के लिए यहां अपना खून पसीना आपको दे रही है। जिस पर प्रियंका गांधी ने राहुल गांधी से शादी के सवाल की तरफ इशारा करते हुए कहा कि पहले इस सवाल का जवाब दो। जिसके जवाब में मुस्कुराते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अब जल्द ही करनी पड़ेगी।

इस दौरान राहुल गांधी ने जनसभा को संबोधित बताया कि किस वजह से वो रायबरेली से चुनाव लड़ने आएं हैं। उन्होंने कहा, ‘कुछ दिन पहले मैं मां (सोनिया गांधी) के साथ बैठा था। मैंने मां से कहा कि एक-दो साल पहले मैंने एक वीडियो में कह दिया कि मेरी दो माता थी एक सोनिया गांधी और दूसरी इंदिरा गांधी। मेरी दोनों माताओं की ये कर्म भूमि है इसलिए मैं यहां रायबरेली से चुनाव लड़ने आया हूं।

राहुल गांधी ने आगे कहा कि कांग्रेस की सरकार आते ही कर्जा माफ करना पहला काम होगा। दूसरा काम किसानो के लिए कानूनी सपोर्ट प्राइस लेके आयंगे। राहुल गांधी ने तीसरा काम गिनाते हुए कहा कि किसानो को 30 दिन के अंदर बीमा का पैसा देना तीसरा काम होगा।

राहुल गांधी ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि बीजेपी के नेताओं ने साफ कहा की अगर चुनाव जीते तो संविधान को बदल देंगे। संविधान के बिना अडानी और अंबानी की सरकार होगी। आरक्षण और आपको जो भी चीजे मिलती है वो सब खत्म हो जाएंगी। राहुल गांधी ने आगे कहा कि संविधान खत्म होने से आपका रास्ता खत्म हो जाएगा. ये लड़ाई संविधान को बचाने की है।

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