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मुख्य समाचार

कन्हैया के दरिंदे हत्यारों के पकड़वाने में इन दो जांबाजों की रही अहम भूमिका

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उदयपुर। राजस्थान के उदयपुर में कन्हैयालाल का गला रेतने के बाद फरार हुए दरिंदे रियाज और गौस कुछ घंटों बाद ही पुलिस के हत्थे चढ़े तो इसमें दो ऐसे लोगों की अहम भूमिका रही, जिन्होंने 30 किलोमीटर तक हत्यारों का पीछा किया।

राजसमंद जिले के रहने वाले शक्ति और प्रह्लाद इस केस में ‘हीरो’ के रूप में सामने आए हैं, जिनकी खूब तारीफ हो रही है। खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दोनों से मुलाकात करके उन्हें शाबाशी दी है।

राजसमंद में लासानी के पास ताल गांव के रहने वाले शक्ति सिंह और प्रह्लाद सिंह 28 जून को मोबाइल पर उदयपुर में कन्हैया की हत्या का वीडियो देख ही रहे थे कि एक पुलिसकर्मी दोस्त का फोन आया। पुलिसकर्मी ने उन्हें RJ 27 AS 2611 नंबर प्लेट वाली बाइक से भाग रहे आरोपियों के बारे में जानकारी दी। उस समय आरोपी देवगढ़ और भीम के बीच में कहीं थे जहां शक्ति और प्रह्ललाद रहते हैं।

कॉल के करीब 20 मिनट बाद दोनों की नजर बाइक स्टैंड में खड़ी बाइक पर नजर पड़ी। उन्होंने नंबर प्लेट देखते ही पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने उन्हें उन पर नजर रखने को कहा। इसके बाद दोनों रियाज और गौस का पीछा करने लगे। उन्होंने हत्यारों का करीब 30 किलोमीटर दूर तक पीछा किया। वह पुलिस को लगातार बताते रहे कि आरोपी किधर जा रहे हैं, किधर मुड़े, क्या कर रहे हैं।

कुछ देर बाद रियाज और गौस को शक हुआ तो उन्होंने हथियार दिखाकर डराने की भी कोशिश की। लेकिन प्रह्लाद और शक्ति बिना डरे उनके पीछे लगे रहे। उनकी मदद से आगे चलकर पुलिस ने रास्ते में घेराबंदी करके दोनों आरोपियों को दबोच लिया। अब शक्ति और प्रह्लाद की जमकर तारीफ हो रही है।

सीएम ने दी शाबाशी

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को जयपुर में उनसे मुलाकात की। भीम के विधायक सुदर्शन सिंह रावत और राजपूत कर्णी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना के साथ वे मुख्यमंत्री के पास पहुंचे थे। मकराना ने कहा, ”हमने मुख्मयंत्री से अपील की कि शक्ति और प्रह्ललाद को सरकारी नौकरी दी जाए, हो सके तो पुलिस में भर्ती कर लिया जाए।”

नेशनल

मोदी कैबिनेट: 71 सांसदों ने ली मंत्रिपद की शपथ, जातिगत समीकरण का रखा गया खास ध्यान

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नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री बन चुके हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई। मोदी के साथ-साथ 71 सांसदों ने भी मंत्री पद की शपथ ली। इन 71 मंत्रियों में से 30 से कैबिनेट मंत्री, 5 स्वतंत्र प्रभार वाले और 36 ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली है। इनमें 27 ओबीसी से हैं जबकि 10 एससी वर्ग से आते हैं।

इसके साथ-साथ मोदी कैबिनेट में 18 सीनियर नेताओं को भी जगह दी गई है। दो पूर्व सीएम को भी मोदी सरकार में शामिल किया गया है। इसके साथ-साथ एनडीए सहयोगी दलों के कई सीनियर नेताओं को भी मंत्री बनाया गया है। बीजेपी ने जातिगत समीकरण को ध्‍यान में रखते हुए कैबिनेट का बंटवारा किया है। यहां जानें कौन से मंत्री किस वर्ग से हैं।

सवर्ण- अमित शाह, एस जयशंकर, मनसुख मांडविया, राजनाथ सिंह, जितिन प्रसाद, जयंत चौधरी, धर्मेन्‍द्र प्रधान, रवणीत बिट्टू, नितिन गड़करी, पीयूष गोयल, मनोहर लाल खट्टर, जितेंद्र सिंह, गजेंद सिंह शेखावत, संजय सेठ, राम मोहन नायडू, सुकांत मजूमदार, प्रह्लाद जोशी, जे पी नड्डा, गिरिराज सिंह, ललन सिंह, सतीश चंद्र दुबे शामिल हैं.

ओबीसी- सीआर पाटिल, पंकज चौधरी, अनुप्रिया पटेल, बीएल वर्मा, रक्षा खड़से, प्रताप राव जाधव, शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, राव इंद्रजीत सिंह, कृष्णपाल गुर्जर, भूपेंद्र यादव, भगीरथ चौधरी, अन्नपूर्णा देवी, शोभा करंदलाजे, एचडी कुमारस्वामी, नित्यानन्द राय शामिल हैं.

दलित- एस पी बघेल, कमलेश पासवान, अजय टम्टा, रामदास आठवले, वीरेंद्र कुमार, सावित्री ठाकुर, अर्जुन राम मेघवाल, चिराग़ पासवान, जीतन राम मांझी, रामनाथ ठाकुर शामिल हैं.

आदिवासी- जुएल ओराम, श्रीपद येसो नाइक, सर्वानंद सोनोवाल शामिल हैं.

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