प्रादेशिक
यूपीपीएससी विवाद : राज्यपाल ने सरकार को दी नसीहत
इलाहाबाद | उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की लगातार किरकिरी पर राज्यपाल राम नाईक ने शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान प्रदेश सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि राज्य सरकार यूपीपीएससी की किरकरी होने से बचाएं। राज्यपाल ने हालांकि इस मामले में प्रतियोगी छात्रों को संयम बरतने की भी सलाह दी। नाईक ने शनिवार को इलाहाबाद में विज्ञान परिषद की विज्ञान पत्रिका के लिए आयोजित शताब्दी समारोह को सम्बोधित करते हुए यह बात कही। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि लंबे समय से उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की किरकिरी हो रही है। परीक्षा तथा अन्य मामलों में आयोग विवादों में आ रहा है, इससे युवा वर्ग काफी प्रभावित हो रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अब इसके प्रति गंभीर हो तो बेहतर होगा। उन्होंने इस अवसर पर प्रतियोगी छात्रों को भी संयम बरतने को कहा है। प्रदेश में मौसम के कहर के कारण किसानों की हालत पर उन्होंने कहा कि राज्य तथा केन्द्र सरकार मिलकर किसानों को इस संकट की घड़ी से उबारने का काम करें तो बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि जब अन्नदाता ही परेशान होगा तब हम कैसे खुश रह सकते हैं। विज्ञान परिषद पर राज्यपाल ने कहा कि हम विज्ञान के दम पर ही समाज का उत्थान कर सकते हैं। बशर्ते इसका सभी जगह पर सदुपयोग हो। विज्ञान का दुरुपयोग काफी घातक होता है। उन्होंने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद लोगों को जो उम्मीद लगी है, उसको हम विज्ञान की मदद से ही पूरा कर सकते हैं।\
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गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक
अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।
इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।
हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।
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