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अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका: 18 साल के बंदूकधारी ने की अपनी दादी सहित 21 लोगों की हत्याा

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वॉशिंगटन। अमेरिका के टेक्‍सास प्रांत में 18 साल के एक बंदूकधारी ने प्राथमिक स्‍कूल में घुसकर 19 बच्‍चों समेत 21 लोगों की गोली मारकर हत्‍या कर दी।

अमेरिकी इतिहास की सबसे निर्मम हत्‍याओं में शामिल टेक्‍सास की इस गोलीबारी के जिम्‍मेदार हमलावर सल्‍वाडोर रामोस ने स्कूल से पहले अपनी दादी की गोली मारकर हत्‍या कर दी थी। हमलावर रामोस भी पुलिस की जवाबी कार्रवाई में मारा गया।

रामोस 18 साल का हो गया था और उसने वयस्‍क होते ही सबसे पहले AR-15 राइफल उठाकर 21 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने इस हत्‍याकांड के लिए ‘गन लॉबी’ को जिम्‍मेदार ठहराया है। उन्‍होंने कहा कि अब इसके खिलाफ कदम उठाने का समय आ गया है।

बता दें कि अमेरिका में गन लॉबी इतनी ताकतवर है कि कोई उसका विरोध करने की हिम्‍मत नहीं कर पाता है। इसीलिए अमेरिका में गन कल्‍चर अब एक ‘महामारी’ में तब्‍दील हो गया है। अमेरिका में लोग सब्‍जी की तरह से बंदूक खरीद सकते हैं।

यही वजह है कि अमेरिका में अक्‍सर गोलीबारी में सामूहिक हत्‍या की खबरें आती रहती हैं। अमेरिका सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्र‍िवेंशन के मुताबिक साल 2020 में 45,222 लोगों की मौत गोलीबारी में हुई थी। जबकि सड़क हादसे में 40,698 लोग मारे गए।

साल 2020 अमेरिका में बंदूकों की गोलीबारी से मौत का सबसे बुरा साल रहा। यही नहीं आंकड़ों पर नजर डालें तो अमेरिका में साल 2010 के बाद बंदूकों से गोलीबारी में मौत के मामले में 43 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

बंदूकों से हुई 45,222 मौतों में 54 फीसदी आत्‍महत्‍या और 43 फीसदी हत्‍या के थे। पीवू रिसर्च सेंटर के मुताबिक ये हत्‍याएं ‘गैर इरादतन’ या पुलिस की ओर से की गईं।

अन्तर्राष्ट्रीय

इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक पीएम मोदी ने जताया शोक, कहा- दुःख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक जताया है। इब्राहिम रईसी की रविवार को को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी। पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति डॉ. सैयद इब्राहिम रायसी के निधन से मुझे गहरा दुख और सदमा लगा है। भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके परिवार और ईरान के लोगों के प्रति मेरी संवेदना है। दुख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है।

बता दें कि अजरबैजान के घने और पहाड़ी इलाके में रविवार को राष्ट्रपति का विमान क्रैश हो गया था। इसके बाद ईरान की सेना ने हेलीकॉप्टर की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, जिसमें विमान का मलबा मिल गया। हालांकि, दुर्घटनास्थल पर जीवन के कोई संकेत नहीं मिले हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद राष्ट्रपति रईसी के जीवित होने की उम्मीदें न के बराबर हैं।

बता दें कि अजरबैजान के जंगल में खराब मौसम की वजह से इब्राहिम रईसी के विमान की आपात लैंडिंग कराई गई थी, जिससे हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद ईरान की जांच एजेंसियों को विमान का मलबा मिला। इसके बाद ईरानी मीडिया ने हेलीकॉप्टर हादसे में राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की मौत की पुष्टि की। ईरानी रेड क्रिसेंट प्रमुख ने बताया कि बचाव टीमें दुर्घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं। इस हादसे में विमान का पूरा केबिन जलकर राख हो गया, जिसमें किसी के जिंदा होने के निशान नहीं मिले हैं। इस बीच ईरानी न्यूज एजेंसी ने बताया कि हादसे में किसी के बचने की कोई उम्मीद नहीं है, क्योंकि राष्ट्रपति का चॉपर पूरी तरह से तबाह हो गया।

ईरान के प्रेस टीवी के अनुसार, रेस्क्यू दल ने ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर का पता लगा लिया है। दुर्घटनास्थल पर किसी भी जीवित व्यक्ति का कोई सुराग नहीं मिला है। आपको बता दें कि राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी पूर्वी अजरबैजान के दौरे गए थे। वे अपने विमान से राजधानी तेहरान लौट रहे थे, तभी उत्तर-पश्चिम में अजरबैजान देश की सीमा से सटे जुल्फा शहर के पास हादसा हो गया। उनके साथ हेलीकॉप्टर में विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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