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उत्तर प्रदेश

उप्र: सरकार का स्पष्टीकरण, राशन कार्ड सरेंडर का कोई आदेश नहीं हुआ जारी

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लखनऊ। राशन कार्ड सरेंडर करने या अपात्रों से रिकवरी करने को लेकर फैले हुए भ्रम को आज उप्र सरकार ने दूर करते हुए स्पष्टीकरण जारी किया है। खाद्य एवं रसद आयुक्त सौरभ बाबू ने कहा है राशन कार्ड सरेंडर करने का कोई आदेश शासन या उनके स्तर से जारी नहीं किया गया है।

उन्होंने कहा राशन कार्ड सत्यापन एक सामान्य प्रक्रिया है और न तो कार्ड निरस्तीकरण और न ही वसूली के लिए कोई आदेश जारी हुआ है। एक अप्रैल, 2020 से अब तक प्रदेश में कुल 29.53 लाख नए राशन कार्ड विभाग द्वारा पात्र लाभार्थियों को जारी किए गए हैं।

बता दें कि अपात्रों से राशन कार्ड सरेंडर कराए जाने को लेकर इन दिनों प्रदेश भर में हलचल है। विभिन्न जनपदों में जिलाधिकारियों ने आदेश जारी कर दिए हैं कि जो अपात्र हैं वे अपने राशन कार्ड सरेंडर कर दें। ऐसा न करने की स्थिति में उनसे वसूली भी हो सकती है।

इसका परिणाम यह रहा कि राशन कार्ड सरेंडर करने की होड़ मच गई। केवल अप्रैल माह में ही 43 हजार लोगों ने अपने राशन कार्ड सरेंडर कर दिए। मई माह में आंकड़ा इससे भी पार जाने की स्थिति में है। रविवार को इसी मामले में खाद्य आयुक्त सौरभ बाबू ने स्पष्टीकरण जारी किया है।

सत्यता यह है कि पात्र गृहस्थी राशनकार्डों की पात्रता या अपात्रता के संबंध में  07 अक्तूबर, 2014 के शासनादेश के मानक निर्धारित किए गए थे जिसमें वर्तमान में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।

सौरभ बाबू ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकारी योजनांतर्गत आवंटित पक्का मकान, विद्युत कनेक्शन, एक मात्र शस्त्र लाइसेंस धारक, मोटर साइकिल स्वामी, मुर्गी पालन या गौ पालन होने के आधार पर किसी भी कार्डधारक को अपात्र घोषित नहीं किया जा सकता ह्रै।

नहीं की जा सकती है वसूली

खाद्य आयुक्त के मुताबिक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 तथा प्रचलित शासनादेशों में अपात्र कार्डधारकों से वसूली जैसी कोई व्यवस्था निर्धारित नहीं की गयी है। इस बाबत शासन स्तर से या खाद्य आयुक्त कार्यालय से कोई भी निर्देश जारी नहीं किए गए है।

उल्लेखनीय है कि विभाग सदैव पात्र कार्ड धारकों को नियमानुसार उनकी पात्रता के अनुरूप नवीन राशनकार्ड जारी करता है। एक अप्रैल, 2020 से अब तक प्रदेश में कुल 29.53 लाख नए राशनकार्ड विभाग द्वारा पात्र लाभार्थियों को जारी किए गए हैं।

खाद्य एवं रसद आयुक्त सौरभ बाबू ने कहा राशन कार्ड संबंधी कोई नया आदेश शासन की ओर से जारी नहीं किया गया है। राशन कार्ड धारकों से राशन के बदले रिकवरी का प्रावधान तो एक्ट में है ही नहीं। उनसे कैसे वसूली की जा सकती है। लगता है जिला स्तर पर कोई कन्फ्यूजन हो गया है।

ये हैं राशन कार्ड के अपात्र

  1. आयकर दाता हों
  2. 100 वर्ग मीटर से अधिक का प्लॉट, मकान या फ्लैट हो
  3. जिनके चौपहिया वाहन हो, ट्रैक्टर या हार्वेस्टर हो
  4. जिनके पास एयर कंडीशनर है,
  5. जिनके परिवार की आय गांवों में दो लाख रुपये और शहरों में तीन लाख रुपये से अधिक है,
  6. 5 केवीए क्षमता का जनरेटर हो
  7. एक से अधिक शस्त्र लाइसेंस हो
  8. 05 एकड़ से अधिक सिंचित भूमि हो

ऐसे पैदा हो गई भ्रम की स्थिति

दरअसल, विभिन्न जनपदों में जिलाधिकारियों ने अपात्रों को राशन कार्ड सरेंडर करने और न करने की स्थिति में रिकवरी कराने के आदेश जारी कर दिए।

जिलों में जगह-जगह मुनादी तक कराई गई। मीडिया और सोशल मीडिया में यह मुद्दा जोरों से उठा। इसका परिणाम यह रहा कि भ्रामक सूचनाओं के आधार पर लोग अपना राशन कार्ड निरस्त कराने के लिए आपूर्ति कार्यालयों के चक्कर काटने लगे। विपक्षी दल भी इस मुद्दे को जोरशोर से उठाने लगे। इसके बाद सरकार को इस बाबत स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा।

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उत्तर प्रदेश

अवध शिल्प ग्राम में यूनिटी मॉल की निर्माण प्रक्रिया को गति देगी योगी सरकार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की उन्नति का मार्ग प्रशस्त कर उसे उत्तम प्रदेश बनाने के सपने को हकीकत की शक्ल दे रही योगी सरकार प्रदेश के समेकित विकास के लिए लगातार कार्यरत है। एक ओर, प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने के लिए महत्वकांक्षी लक्ष्य की ओर उत्तर प्रदेश ने सीएम योगी के मार्गदर्शन में कदम बढ़ा दिए हैं, वहीं प्रदेश में उत्तम नागरिक सुविधाएं व वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की दिशा में भी विस्तृत कार्ययोजना के अंतर्गत कार्य हो रहा है। इसी क्रम में, उत्तर प्रदेश में तीन यूनिटी मॉल के निर्माण का कार्य भी जारी है जिनमें लखनऊ, आगरा व वाराणसी मुख्य हैं। लखनऊ में अवध शिल्प ग्राम के सेक्टर 9 में यूनिटी मॉल का निर्माण कार्य निरंतर जारी है तथा इस प्रक्रिया में और तेजी लाते हुए योगी सरकार ने प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कन्सलटेंट (पीएमसी) एजेंसी की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है। योजना विभाग द्वारा इस प्रक्रिया को शुरू करते हुए निविदा जारी कर दी हैं जिससे कार्यावंटन का मार्ग सुनिश्चित होगा।

पीएमसी निर्धारण से निर्माण प्रक्रिया में आएगी तेजी

योजना विभाग द्वारा अवध शिल्प ग्राम के सेक्टर 9 में यूनिटी मॉल की निर्माण प्रक्रियाओं की निगरानी के लिए जिस पीएमसी को नियुक्त किया जाएगा वह कई मायने में निर्णायक भूमिका का निर्वहन करेगी। पीएमसी द्वारा रेगुलर मॉनिटरिंग और समय-समय पर दी जाने वाली रिपोर्ट्स न केवल इस प्रोजेक्ट के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता निर्धारण में निर्णायक सिद्ध होगी बल्कि इसके जरिए सभी निर्माण कार्यों को ट्रैक करने व उसी आधार पर कार्रवाई का मार्ग प्रशस्त होगा। रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) माध्यम से निविदा प्रक्रिया की शुरुआत हो चुकी है और जुलाई के पहले हफ्ते में कार्यावंटन हो जाएगा। कार्यावंटन के बाद 75 दिनों में कन्सलटेंसी को आर्किटेक्चरल डिजाइन प्रस्तुत करना होगा जिस पर स्वीकृति के बाद 18 महीने में सभी निर्माण कार्यों को पूर्ण कर लिया जाएगा। इस दौरान 36 महीने का डिफेक्ट लाइबिलिटी पीरियड (डीएलपी) भी लागू रहेगा।

कई प्रकार के निर्माण कार्यों का मार्ग होगा सुनिश्चित

यूनिटी मॉल के निर्माण व विकास के लिए परियोजना के अंतर्गत कई संरचनात्मक कार्यों को पूरा किया जाएगा। इसके अंतर्गत रचनात्मक इनडोर स्पेसेस के निर्माण, उचित स्थान नियोजन के साथ ही यहां की जरूरतों के अनुसार विभिन्न कार्यात्मक आवश्यकताओं को पूर्ण किया जाएगा। कम रखरखाव के साथ ही उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए विद्युत, यांत्रिक और अन्य सेवाओं के एकीकृत डिजाइन पर काम होगा। पर्यावरण के मानकों के पालन के साथ ही हरित भवन, उत्तम वेंटिलेशन, जलवायु अनुकूल वास्तुकला, अपशिष्ट जल पुनर्चक्रण, जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन के साथ जल और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन जैसी तमाम प्रक्रियाओं को पूर्ण किया जाएगा।

200 नॉन एसी, 34 एसी शॉप्स का होगा निर्माण, 30 वर्ष की लीज पर होगा अलॉटमेंट

यूनिटी मॉल के विकास की जो कार्ययोजना क्रियान्वित की जा रही है, उसके अनुसार परिसर में 200 नॉन एसी तथा 34 एसी शॉप्स का निर्माण किया जाएगा। इन दुकानों को 30 वर्ष की लीज पर अलॉट किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, यूनिटी मॉल में एग्जिबिशन हॉल, मल्टीपर्पज हॉल, फूड कोर्ट, वातानुकूलित एट्रियम, फायर एग्जिट समेत तमाम निर्माण कार्यों को पूर्ण जाएगा। 60 करोड़ रुपए से ज्यादा व्यय के जरिए इस पूरी परियोजना पूर्ण किया जाएगा।

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