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नेशनल

अब असंसदीय शब्द नहीं माना जाएगा ‘गोडसे’

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नई दिल्ली। ‘गोडसे’ अब असंसदीय शब्द नहीं माना जाएगा। इस मुद्दे पर संसद के बीते शीतकालीन सत्र में उपजे विवाद के करीब चार महीने बाद लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय ने ‘गोडसे’ की जगह नाथूराम गोडसे को असंसदीय शब्दों की सूची में डाल दिया है।
1956 में संसद के दोनों सदनों के सचिवालय ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की जगह उनके सरनेम गोडसे को ही असंसदीय शब्दों सूची में डाल दिया था। विवाद ने तब तूल पकड़ा जब बीते 11 दिसंबर को राज्यसभा के उपसभापति पीजे कुरियन ने माकपा सांसद को गोडसे का नाम लेने से यह कह कर रोका कि यह शब्द असंसदीय है।

उक्त सांसद उत्तर प्रदेश में गोडसे का मंदिर बनाए जाने संबंधी हिंदूवादी संस्था के एक नेता के बयान पर विरोध जता रहे थे। कुरियन ने गोडसे को असंसदीय शब्द बताते हुए इसे कार्यवाही से बाहर कर दिया था। बाद में महाराष्ट्र के नासिक के शिवसेना सांसद हेमंत तुकाराम गोडसे ने इस पर एतराज जताया। उन्होंने राज्यसभा के उपसभापति और लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन को पत्र लिख कर इस पर अपना विरोध जताया। सांसद का कहना था कि गोडसे शब्द को असंसदीय शब्दों की सूची में डालना एक वर्ग और एक जाति पर प्रहार है। उन्होंने सवाल किया था कि किसी एक व्यक्ति की निंदनीय कार्रवाई की जिम्मेदारी उससे संबंधित समूची बिरादरी पर कैसे डाली जा सकती है? इसके बाद कुरियन और महाजन ने सचिवालय को विवाद का हल निकालने का निर्देश दिया था।

दोनों सदनों के सचिवालय ने गोडसे की जगह अब नाथूराम गोडसे को असंसदीय शब्दों की सूची में डालने का फैसला कर इसकी जानकारी शिवसेना सांसद को दे दी है। शिवसेना सांसद हेमंत तुकाराम गोडसे ने कहा कि मुझे संतोष है कि आखिर गोडसे शब्द अब असंसदीय नहीं रहा। दुख इस बात का है कि बीते छह दशक तक यह उपनाम असंसदीय शब्दों की सूची में रहा। यह एक तरह से गोडसे उपनाम रखने वाले लाखों लोगों को बिना किसी अपराध के दी गई सजा थी।

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नेशनल

सामने आई स्वाति मालीवाल की मेडिकल रिपोर्ट, शरीर के इन हिस्सों पर चोट के निशान

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नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ हुई मारपीट के बाद उनका एम्स में मेडिकल टेस्ट कराया गया था, जिसकी रिपोर्ट आ गई हैं। रिपोर्ट देखकर पता चलता है कि स्वाति के शरीर पर चार जगह चोट लगी थी। एम्स की रिपोर्ट में सामने आया है कि स्वाति मालीवाल को ‘बाएं पैर के थाइस’ पर 3×2 सेंटीमीटर के आकार की चोट थी और उनके ‘दाहिनी आंख के नीचे दाहिने गाल’ पर 2×2 सेंटीमीटर आकार की एक और चोट थी।

एम्स के डॉक्टर आनंद गंगदेव द्वारा बनाई गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मरीज द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक सीएम के आवास पर 13 मई को उनपर परिचित व्यक्ति ने हमला किया था. उन्हें कई बार थप्पड़ मारे गए और उनके सिर पर कठोर वस्तु से हमला किया गया और वह जमीन पर गिर गईं. उनके पेट, पेल्विस और चेस्ट पर पैर से कई बार मारा गया. मरीज फिलहाल जांघ और पेल्विस एरिया में दर्द की शिकायत कर रहा है।

सीएम केजरीवाल के आवास से विभव कुमार गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने सीएम केजरीवाल के आवास से विभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें सिविल लाइन्स थाने लेकर जाया गया है। दिल्ली पुलिस को पहले ही बिभव कुमार के सीएम हाउस में होने का इनपुट मिला था। सूचना के बाद पुलिस टीम में एसएचओ सिविल लाइंस और एडिशनल डीसीपी नॉर्थ सीएम आवास पर पहुंचे थे। सूचना मिलने के बाद एक गाड़ी सीएम हाउस में पहुंची थी। दिल्ली पुलिस की टीम जब सीएम हाउस पर पहुंची तब वहां पर पहले से ही गेट खुले हुए थे। इस गाड़ी को गेट पर नहीं रोका गया और गाड़ी सीधा सीएम हाउस में चली गई। गाड़ी के लिए पहले से सीएम हाउस में मैसेज था। इसके बाद दिल्ली पुलिस की टीम सीधे सीएम हाउस में गई और फिर वहां से बिभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया।

बता दें कि गिरफ्तारी से पहले ही बिभव कुमार ने एक मेल किया था, जिसमें उसने हर जांच के लिए साथ देने की बात कही थी। अपने मेल में बिभव कुमार ने लिखा कि ‘मैं हर जांच में सहयोग को तैयार हूं। मुझे मीडिया के माध्यम से FIR दर्ज होने के बारे में जानकारी हुई। अभी तक मुझे एफआईआर के बाद कोई नोटिस नहीं दिया गया है। मेरी शिकायत पर भी दिल्ली पुलिस संज्ञान ले।’

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