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कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर केजरीवाल ने बीजेपी को घेरा, बोले-‘इनकी सरकार में एक भी परिवार घाटी नहीं लौटा’
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी पर कश्मीरी पंडितो के पलायन पर राजनीति करने का आरोप लगाए। उन्होंने शनिवार को सवाल किया कि पार्टी ने सत्ता में आने के बाद से उनमें से कितने लोगों को घाटी में फिर से बसाया है। ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच जुबानी जंग शुरू होने के बीच केजरीवाल ने एक बार फिर सुझाव दिया कि इस फिल्म को यूट्यूब पर अपलोड किया जाना चाहिए और इससे अब तक हुई कमाई को कश्मीरी पंडितों के कल्याण पर खर्च किया जाना चाहिए।
फिल्म पर अपनी टिप्पणी और बीजेपी की आलोचना पर एक सवाल के जवाब में अरविंद केजरीवाल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पिछले 25 वर्षों में कश्मीरी पंडितों के पलायन के बाद से, पिछले आठ वर्ष समेत 13 वर्ष में केंद्र में बीजेपी की सरकारें रही हैं। क्या इस अवधि में किसी कश्मीरी पंडित परिवार का पुनर्वास हुआ है? एक भी परिवार कश्मीर नहीं लौटा है।’’
त्रासदी पर पैसा कमा रही बीजेपी- अरविंद केजरीवाल
सीएम केजरीवाल ने कहा कि कश्मीर पंडित अपने घरों को लौट सकें, इसके लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ ने लगभग 200 करोड़ रुपये कमाए हैं और आरोप लगाया कि बीजेपी फिल्म के माध्यम से ‘‘किसी की त्रासदी पर पैसा कमा रही है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह एक अपराध है। देश इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘बीजेपी इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है। हम मांग करते हैं कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म को यूट्यूब पर अपलोड किया जाए। इससे कमाए गए पैसे को कश्मीरी पंडितों के कल्याण पर खर्च किया जाना चाहिए।’’
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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