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नेशनल

Zomato अब महज़ 10 मिनट में आपके पास पहुंचाएगा खाना, फाउंडर ने बताई फैसले की वजह

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ऑनलाइन फूड डिलीवरी ऐप Zomato कस्टमर्स के लिए नई सुविधा लाया है। Zomato के फाउंडर दीपिंदर गोयल ने ऐलान किया है कि खाना अब महज 10 मिनट में कस्टमर के पास पहुंच जायेगा। उन्होंने एक ब्लॉग के जरिए इस बारे में जानकारी दी। दीपिंदर गोयल ने ये भी बताया कि ये मुमकिन कैसे होगा?

दीपिंदर गोयल ने किया ऐलान

Zomato के फाउंडर दीपिंदर गोयल ने ट्वीट किया कि Zomato पर जल्द ही 10 मिनट में फूड डिलीवरी होने लगेगी। जिसमें भोजन की गुणवत्ता- 10/10, डिलीवरी पार्टनर की सुरक्षा- 10/10 और डिलीवरी का समय- 10 मिनट होगा।

Zomato ऐप पर सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है ये फीचर

दीपिंदर गोयल ने अपने ब्लॉग में लिखा कि कस्टमर तेजी से अपनी जरूरत को पूरा होता देखना पसंद करते हैं। वे प्लान नहीं बनाना चाहते हैं और वे इंतजार नहीं करना चाहते हैं। जान लें कि सबसे कम डिलीवरी समय के अनुसार रेस्तरां को चुनना Zomato ऐप पर सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले फीचर्स में से एक है।

उन्होंने आगे लिखा कि मुझे लगता है कि Zomato का 30 मिनट का औसत डिलीवरी का समय बहुत धीमा है और ज्यादा दिन तक ऐसा नहीं चल पाएगा। अगर हम औसत डिलीवरी के समय को कम नहीं करेंगे तो कोई और करेगा। आज की टेक इंडस्ट्री में बने रहने के लिए जरूरी है कि इनोवेट करें और आगे बढ़ते रहें। इसलिए हम 10 मिनट में फूड डिलीवरी करने वाला Zomato Instant ला रहे हैं।

दीपिंदर गोयल ने बताया कि जल्दी फूड डिलीवरी का वादा फिनिशिंग स्टेशन के नेटवर्क पर निर्भर करेगा, जो अधिक मांग वाले कस्टमर्स के नजदीक स्थित होगा। इसके लिए डिलीवरी पार्टनर पर कोई दबाव नहीं डाला जाएगा।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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