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अन्तर्राष्ट्रीय

‘पहले बाथरूम साफ़ करो, फिर भारत ले जाएंगे’, भारतीय छात्रों से हुई बरबर्ता

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यूक्रेन में फसे भारतीय छात्रों को निकलने का काम तेज़ी से जारी है। छात्रों को देश वापस लाने के लिए सरकार द्वारा मिशन गंगा चलाया जा रहा है। इसके बावजूद भी इन छात्रों की काफी मुश्किलों से हो कर गुज़ारना पद रहा है। कई वीडियो सामने आये हैं, जिनमे भारतीय छात्र मदद की अपील कर रहे हैं। छात्रों के साथ बदसलूकी और बर्बरता के कई वीडियो भी वायरल हो रहे हैं। इसी बीच अब एक छात्रा ने यूक्रेन की इंडियन एम्बेसी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

इस छात्रा ने यूक्रेन के भयानक संकटपूर्ण वक़्त को याद करते हुए कहा कि ‘सभी स्टूडेंट्स वहां से निकलने के इंतज़ार में थे।’ छात्रा ने कहा कि ‘हम कम से कम 1000 बच्चे एक शेल्टर में मौजूद थे। हमें ऑफर दिया गया कि जो पहले बाथरूम साफ़ करेगा, उसको पहले ले कर जाएंगे।’ इस बात को बताते वक़्त लड़की कि आखों में गुस्सा और पीड़ा साफ़ नज़र आती है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, ‘हम इतना स्ट्रगल कर के बाथरूम साफ़ करने आये हैं ?’

सवाल किये जाने पर छात्रा ने बताया कि ऐसा उनसे इंडियन एम्बेसी ने करने को कहा था। लड़की की मां का कहना था कि ‘इंडियन एम्बेसी ने बच्चों के साथ बहुत गलत किया।’ छात्रा ने बताया, ‘उन्होंने कहा कि हमें वालंटियर चाहिए, जो पहले बाथरूम साफ़ करेगा, उसे पहले ले जाया जायेगा। इसपर किसी की ऐसी हालत नहीं थी तो कोई नहीं उठा। लेकिन जब उन्होंने बोला कि जो पहले साफ़ करेगा, उसे पहले ले जाएंगे, तो सब चले गए क्यूंकि बच्चे जाना चाहते थे, वहां से निकलना चाहते थे।’

वीडियो बनाने वाले ने जब छात्रा से सवाल किया कि अपने किसी अधिकारी या मंत्री से कुछ क्यों नहीं कहा, तो उसने जवाब में कहा, ‘वहां पर हम इसलिए नहीं बोल सकते थे, क्यूंकि हमें निकलना था वहां से।’ इस वीडियो के ज़रिय पता लगाया जा सकता है कि छात्रों को किस प्रकार परेशान किया जा रहा है।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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