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प्रादेशिक

कार शोरूम में हुई किसान की बेइज्जती तो 30 मिनट में 10 लाख रुपये लाकर दिया ऐसा मुंहतोड़ जवाब

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इस धरती पर हर व्यक्ति को शिष्टता और सम्मान का अधिकार होता है, चाहे उसकी वर्ग या जाति कोई भी हो। लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो अक्सर बाहरी दिखावे में ही रुचि रखते हैं। इसी तर्ज पर एक घटना कर्नाटक के तुमकुरु जिले में हुई, जब एक किसान अपने दोस्तों के साथ एक कार शोरूम से बोलेरो पिकअप खरीदने गया. हालांकि, उन्हें सेल्स एग्जीक्यूटिव ने भगा दिया, जिन्होंने सोचा कि किसान और उसके दोस्त विंडो शॉपर हैं।

शोरूम के कर्मचारी ने कथित तौर पर केम्पेगौड़ा आरएल से कहा कि उसके पास उसकी जेब में 10 रुपये भी नहीं होंगे, कार के लिए 10 लाख रुपये तो छोड़ ही दें। इस तरह के कमेंट्स के बाद उन्होंने अपमानित महसूस किया। फिर सभी किसान वहां से चले गए लेकिन सेल्स एग्जीक्यूटिव को चुनौती दी कि वह और उसके दोस्त एक घंटे के भीतर एसयूवी खरीदने के लिए नकदी के साथ लौटेंगे। उन्होंने सेल्स एक्जीक्यूटिव को चुनौती दी कि अगर वे नकदी लाने में कामयाब रहे तो उसी दिन कार की डिलीवरी कर दें। घटना का वीडियो कुछ इंटरनेट यूजर्स द्वारा शोरूम में बिक्री टीम पर ‘क्लासिस्ट’ होने का आरोप लगाने के साथ वायरल हो गया।

केम्पेगौड़ा ने कहा, ‘मेरे कपड़े और मेरी हालत देखकर उन्हें लगा कि मैं पैसे देने की स्थिति में नहीं हूं। उनके एक फील्ड ऑफिसर ने मुझसे कहा, ‘आपके पास शायद 10 रुपये भी नहीं हैं, क्या आप यह गाड़ी खरीदेंगे?’ उन्होंने यह तक कहा कि जो लोग वाहन खरीदने आते हैं वे इस तरीके से खरीदने नहीं आते हैं।’ उन्होंने आगे कहा, ‘हमें अपमानित किया गया, मेरे एक चाचा ने सेल्समैन को चुनौती दी कि वे 10 लाख रुपये देने के लिए तैयार हैं और क्या वह तुरंत गाड़ी डिलिवर करेंगे, जिस पर उसने जवाब दिया कि अगर उन्हें आधे घंटे में पूरा नकद मिल जाता है, तो वह गाड़ी तुरंत डिलिवर कर देंगे।’

तीस मिनट बाद किसान 10 लाख रुपये लेकर लौटा और SUV की मांग की। लेकिन, सेल्स एग्जीक्यूटिव डिलीवरी नहीं कर सका और दो दिन का समय मांगा। गुस्साए किसानों ने स्थानीय पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। तिलक पार्क थाने के पुलिस कर्मियों को किसान और उसके दोस्तों को घर वापस जाने के लिए मनाना पड़ा। केम्पेगौड़ा ने कहा कि वह अब कार नहीं खरीदना चाहते हैं और शोरूम से उन्हें और उनके दोस्तों को अपमानित करने के लिए लिखित माफी की मांग की।

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गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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