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‘दिल्ली में लॉकडाउन लगाने कि मंशा नहीं, लागू होंगी कम से कम पाबंदियां’:CM अरविंद केजरीवाल

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Arvind Kejriwal

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कोरोना वायरस देश की राजधानी दिल्ली में तेज़ी से पैर पसार रहा है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कोरोना वायरस को लेकर चिंता जताई। सीएम ने कहा,’तेज़ी से बढ़ता कोरोना चिंता का विषय है, लेकिन इससे घबराने की ज़रूरत नहीं है। यह मैं इसलिए कह रहा हूं क्योंकि मैंने सारे आंकड़ों का अध्ययन करने के बाद पाया है कि यह कम खतरनाक है और उसके लक्षण भी हल्के हैं।’

केजरीवाल ने कहा कि ‘दिल्ली में शनिवार को 20,000 कोरोना मरीज आए हैं, लेकिन दिल्ली में अस्पतालों में मरीजों की संख्या 15100 है, जबकि बीते साल 7 मई को जब 20000 केस आए थे तो अस्पताल में मरीजों की संख्या कई गुना ज्यादा थी। अगर मैं कह रहा हूं कि घबराने की ज़रूरत नहीं है तो इसका मतलब ये बिलकुल नहीं है कि आप लोग मास्क लगाना छोड़ दें। हमें जागरूक रहना होगा और मास्क लगाना होगा और भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचना होगा।’

लॉकडाउन को लेकर सीएम केजरीवाल बोले, ‘मेरे पास बहुत से सवाल आ रहे हैं कि क्या दिल्ली में लॉकडाउन लगने जा रहा है, लेकिन मैं बता रहा हूं कि अभी सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं किया है। मुझे लगता है अगर हम मास्क लगाएंगे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करेंगे तो लाकडाउन कि जरूरत नहीं पड़ेगी। मुझे पता है कि लॉकडाउन लगने से लोगों के व्यापार, रोजगार पर असर पड़ता है। हम भी लॉकडाउन लगाना नहीं चाहते हैं, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि हम मास्क पहनें और सभी लोग जागरूक रहें।’

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गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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