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अन्तर्राष्ट्रीय

साऊदी अरब ने‌ दी कोवीशील्ड को मान्यता, भारतीयों के लिए देश में प्रवेश होगा आसान

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भारतीय यात्रियों के लिए एक अच्छी खबर है। सऊदी अरब ने शुक्रवार को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के कोविशील्ड को देश में प्रवेश के लिए कोविड वैक्सीन के रूप में मान्यता दे दी है। मान्यता और अनुमोदन के साथ, सऊदी ने पूरी तरह से वैक्सीनेटेड भारतीय यात्रियों को क्वारंटाइन से गुजरे बिना देश में प्रवेश करने की सुविधा प्रदान की।

भारतीय बिना क्वारंटाइन कर सकेंगे पर्यटन 

सऊदी से नवीनतम अनुमोदन के साथ, कोविशील्ड अब आठ अन्य स्वीकृत टीकों की सूची में शामिल हो गया है। अन्य टीकों के‌ नाम हैं फाइजर बायोएनटेक, कॉमिरनेटी, ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका, एसके बायोसाइंस, वैक्सजेवरिया, मॉडर्न, स्पाइकवैक्स और जॉनसन एंड जॉनसन।

सऊदी पर्यटन प्राधिकरण ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि ‘जिन भारतीय यात्रियों को सऊदी द्वारा अनुमोदित टीकों का पूरी तरह से टीका लगाया गया है, वे बिना संस्थागत संगरोध के देश में प्रवेश कर सकते हैं।’

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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