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अन्तर्राष्ट्रीय

ऑस्ट्रेलिया ने भारत की कोवैक्सिन को दी मान्यता, अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर प्रतिबंधों में मिलेगी ढील

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ऑस्ट्रेलिया ने आज देश की यात्रा के उद्देश्य से भारत के कोवैक्सिन को मान्यता दे दी है। इससे अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर प्रतिबंधों में ढील मिलेगी। दुनिया की कुछ सबसे सख्त कोरोनावायरस सीमा नीतियों के 18 महीनों से अधिक समय के बाद, लाखों ऑस्ट्रेलियाई अब बिना परमिट या देश में आगमन पर संगरोध की आवश्यकता के बिना यात्रा करने के लिए स्वतंत्र हैं।

ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने वाले छात्रों को मिली राहत

ऑस्ट्रेलियाई सरकार की एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया,’Covaxin और BBIBP-CorV टीकों को एक यात्री के टीकाकरण की स्थिति स्थापित करने के उद्देश्य से ‘मान्यता प्राप्त’ होगी। यह मान्यता 12 वर्ष और उससे अधिक आयु के यात्रियों के लिए है जिन्हें टीका लगाया गया है। Covaxin के साथ, और वे 18 से 60 जिन्हें BBIBP-CorV का टीका लगाया गया है।’

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मीडिया विज्ञप्ति में आगे कहा गया कि ‘इस मान्यता का मतलब है कि चीन और भारत के साथ-साथ हमारे क्षेत्र के अन्य देशों के कई नागरिक जहां इन टीकों को व्यापक रूप से तैनात किया गया है, अब ऑस्ट्रेलिया में प्रवेश पर पूरी तरह से टीकाकरण माना जाएगा। इसका अंतरराष्ट्रीय छात्रों की वापसी पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा, और कुशल और अकुशल श्रमिकों की ऑस्ट्रेलिया यात्रा।’

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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