प्रादेशिक
दिल्लीः लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने किया विरोध प्रदर्शन
नई दिल्ली। दिल्ली के दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर सोमवार को लखीमपुर खीरी हिंसा के खिलाफ युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया। इस विरोध मार्च के कारण वाहनों की आवाजाही बाधित हो गई।
रणजीत सिंह फ्लाईओवर के पास लगाए गए पुलिस बैरिकेड्स द्वारा दोनों रास्तों को अवरुद्ध कर दिया गया था। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली पुलिस के जवानों के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस (सीआरपी) को भी तैनात किया गया था।
सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं ने अपने पार्टी कार्यालय से अपना विरोध मार्च शुरू किया और भाजपा मुख्यालय की ओर बढ़ गए। हालांकि पुलिस ने उन्हें रंजीत सिंह फ्लाईओवर के पास रोक दिया।
प्रदर्शनकारियों ने भाजपा और उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। किसानों के सम्मान में, कांग्रेस है मैदान में जैसे नारों के साथ, उन्होंने रविवार को लखीमपुर खीरी में कथित तौर पर मारे गए किसानों के लिए न्याय की मांग की।
यूथ कांग्रेस के प्रदर्शनकारी पुलिस बैरिकेड्स को पार करने की कोशिश कर रहे थे, हालांकि, पुलिस स्थिति को नियंत्रित करने में कामयाब रही। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हिंसा के बाद कम से कम चार किसानों की कथित तौर पर मौत हो गई, जिसके परिणामस्वरूप मौके पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ। राज्य पुलिस ने सोमवार को कहा कि जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी।
प्रादेशिक
जबलपुर में रेलवे कर्मचारी ने पत्नी और दो बेटियों के साथ ट्रेन से कटकर की आत्महत्या
जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक रेलवे कर्मचारी ने अपनी पत्नी और दो बेटियों के साथ ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली। फिलहाल आत्महत्या की वजहों का खुलासा नहीं हो पाया है। पुलिस ने चारों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
घटना भेड़ाघाट थाने के सिहोदा की है। जानकारी के मुताबिक, नरेंद्र चढ़ार (32) रेलवे में ग्रुप-डी कर्मचारी थे। पत्नी रीना चढ़ार (26) के साथ उन्होंने बेटी सानवी (6) और मानवी (3 महीने) के साथ आत्महत्या कर ली। जीआरपी और भेड़ाघाट थाने की पुलिस मौके पर है।
पुलिस ने मर्ग कायम कर चारों के शव को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज भेज दिया है। फिलहाल मृतकों से जुड़े हुए अन्य तथ्यों की जांच की जा रही है कि आखिर रेलकर्मी किस परेशानी में था, जिसकी वजह से उसने परिवार को साछ इतना बड़ा आत्मघाती कदम उठा लिया।
सिहोदा गांव के रहने वाले मृतक रेलकर्मी के परिजन ने पुलिस को बताया कि कभी नरेंद्र और रीना चढ़ार के बीच कभी लड़ाई-झगड़े जैसी स्थिति नहीं बनी। नरेंद्र के चेहरे पर कभी परेशानी और शिकन नहीं देखी। दोनों पति-पत्नी अच्छे से रहते थे। 3 जून को ही गांव आरछा आया था। दिनभर रहा, शाम को जबलपुर लौटा था। बुधवार को नरेंद्र, उनकी पत्नी और दोनों बच्चों के शव कटे हुए मिले।
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