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अन्तर्राष्ट्रीय

दुनियाभर में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या हुई 23.11 करोड़ के पार

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नई दिल्ली। दुनियाभर में कोरोनावायरस के मामले बढ़कर 23.11 करोड़ हो गए हैं। इस महामारी से अब तक कुल 47.3 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। अब तक 6.04 अरब से ज्यादा लोगों का टीकाकरण हो चुका है। ये आंकड़े जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी ने साझा किए हैं।

शनिवार की सुबह अपने नवीनतम अपडेट में, यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) ने बताया कि वर्तमान वैश्विक मामले, मरने वालों और टीकाकरण की संख्या क्रमश: 231,105,748, 4,736,892 और 6,045,775,206 हो गई है।

सीएसएसई के अनुसार, अमेरिका दुनिया में सबसे ज्यादा मामलों और मौतों क्रमश: 42,852,711 और 687,078 के साथ सबसे ज्यादा प्रभावित देश बना हुआ है। कोरोना संक्रमण के मामले में भारत 33,594,803 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर है।

सीएसएसई के आंकड़े के अनुसार 30 लाख से ज्यादा मामलों वाले अन्य सबसे प्रभावित देश ब्राजील (21,327,616), यूके (7,637,308), रूस (7,269,514), फ्रांस (7,075,305), तुर्की (6,987,464), ईरान (5,508,885), अर्जेंटीना (5,248,847), कोलंबिया (4,948,513), स्पेन (4,946,601), इटली (4,653,696), इंडोनेशिया (4,204,116), जर्मनी (4,192,606) और मैक्सिको (3,608,976) हैं।

जिन देशों ने 100,000 मौत का आंकड़ा पार कर लिया है। उनमें ब्राजील (593,663), भारत (446,368), मैक्सिको (274,139), पेरू (199,182), रूस (198,644), इंडोनेशिया (141,258), यूके (136,336), इटली (130,603) से मरने वालों की संख्या 100,000 से अधिक है। कोलंबिया (126,068), ईरान (118,792), फ्रांस (117,147) और अर्जेंटीना (114,828) शामिल हैं।

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कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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