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प्रादेशिक

महंत नरेंद्र गिरि ने मौत से ठीक पहले बनाया था 4 मिनट का वीडियो

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नई दिल्ली। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की सोमवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। उनका शव उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थित बाघंबरी मठ के कमरे से फांसी के फंदे से लटकता मिला था। इसके अलावा शव के पास 8 पन्नों का एक सुसाइड नोट भी मिला है।

बता दें कि महंत के शव के पास मिले सुसाइड नोट में शिष्य आनंद गिरि समेत कई लोगों के नाम थे। प्रयागराज में बाघंबरी मठ के जिस कमरे में नरेंद्र गिरि का शव मिला वो अंदर से बंद था। पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव को बाहर निकाला और शुरुआती जांच में इसे खुदकुशी का मामला बताया। वहीं जांच के दौरान कमरे से 8 पन्नों का एक सुसाइड नोट मिला है। पुलिस के मुताबिक सुसाइड नोट में महंत ने शिष्य आनंद गिरि का जिक्र किया है।

साथ ही आद्या तिवारी और संदीप तिवारी का भी जिक्र किया है। आद्या तिवारी लेटे हनुमान जी मंदिर के वरिष्ठ पुजारी हैं और संदीप तिवारी उनके बेटे हैं। सुसाइड नोट में आनंद गिरि का नाम सामने आने के बाद हरिद्वार से उन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पुलिस के मुताबिक नरेंद्र गिरी ने सुसाइड नोट में आत्महत्या की बात लिखी है और वसीयतनामा भी लिखा है।

बता दें कि महंत नरेंद्र गिरी से बड़े-बड़े नेता आशीर्वाद लेने आया करते थे। ऐसे में उनका अचानक उनकी मृत्यु की खबर ने सबको हैरान कर दिया है।
पुलिस ने महंत नरेंद्र गिरि के कमरे से एक सुसाइड मामले में अखाड़े की संपत्ति पर अधिकार के विवाद की बात कही है। नरेंद्र गिरि ने आनंद गिरि को अखाड़े से बाहर कर दिया था। पुलिस के मुताबिक नरेंद्र गिरि ने मौत से ठीक पहले 4 मिनट का वीडियो बनाया था। पुलिस ने नरेंद्र गिरि के मोबाइल को जब्त कर लिया है और फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है।

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प्रादेशिक

गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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