अन्तर्राष्ट्रीय
इजराइल के हेल्थ एक्सपर्ट की चेतावनी- जल्द लगानी पड़ सकती है वैक्सीन की डोज
नई दिल्ली। कोरोना महामारी से सभी देश जूझ रहे हैं। इस वायरस के लगातार नए वैरिएंट्स सामने आ रहे हैं जिसके चलते स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता भी बढ़ती जा रही है। इस बीच इजराइल के हेल्थ एक्सपर्ट ने सलमान जारना ने एक चौंका देने वाला बयान दिया है।
उनके मुताबिक अब कोरोना की चौथी डोज़ लगने की भी ज़रूरत पड़ सकती है। एक रिपोर्ट मे सामने आया है कि इजराइल ने अपने नागरिकों को कोरोना का ‘बूस्टर शॉट’ देना शुरू कर दिया है।
गौरतलब है कि (WHO) विश्व स्वास्थ संगठन ने फिलहाल सभी देशों को बूस्टर शॉट्स न देने की सलाह दी है। WHO का कहना है कि ‘तब तक ऐसा ना किया जाए जब तक की अन्य सभी देश कम से कम कमज़ोर वर्ग के लोगों का टीकाकरण करने में सक्षम ना हो जाए।’
सलमान जाहरा ने कहा, ‘कोरोना के कई वैरिएंट्स सामने आ रहे हैं। डेल्टा वैरिएंट के केस काफी तेज़ी से बढ़ रहे हैं। आशंका हैं कि इससे मौत और हॉस्पिटल में एडमिट होने वालों का आंकड़ा बढ़ सकता है।’ आगे उन्होंने कहा, ‘कोविड वैक्सीन की चौथी डोज की जरूरत कुछ समय बाद पड़ सकती है। हमें इसके लिए तैयार रहना चाहिए।’ उनके मुताबिक बूस्टर शॉट कोरोना से लड़ने में मददगार है इसलिए उसकी ज़रूरत बढ़ गई है।
सलमान ने चिंता जताते हुए आगे कहा कि ‘हमें कोरोना की चौथी लहर से सबक लेना चाहिए। कोरोना के और नए वैरिएंट आ सकते हैं, जैसा कि साउथ अमेरिका महाद्वीप में हो रहा है। स्वास्थ्य अधिकारियों का भी कहना है कि भविष्य में कम से कम 6 महीने या एक साल में बूस्टर शॉट्स की जरूरत होगी।’
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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